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माघ कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को पड़ने वाली सकट चौथ का विशेष महत्व होता है. सकट चौथ का व्रत बहुत ही पवित्र और जीवन में विशेष पुण्य प्रदान करने वाला एक व्रत है.

चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद ही सकट चौथ का व्रत सफल और संपूर्ण माना जाता है. चंद्रमा को अर्घ्य देने से सौभाग्य की प्राप्ति होती है और संतान को दीर्घायु का आशीर्वाद मिलता है.

सकट चौथ पर रात्रि में चंद्रोदय के बाद सबसे पहले रोली, चंदन, शहद, फूल, दूध और जल मिलाकर चंद्रमा को अर्घ्य देना चाहिए.

सकट चौथ पर चंद्रमा को अर्घ्य देने से मन में आ रही नकारात्मक विचार दूर होते हैं और कुंडली में भी चंद्र दोष दूर होता है.

चंद्रोदय- रात 8 बजकर 52 मिनट पर चंद्रोदय होगा. अलग-अलग शहरों में चांद निकलने का समय अलग-अलग होगा, इसमें 10 मिनट का अंतर होगा.

चंद्रमा को अर्घ्य देकर गणेश जी की अर्चना की जाएगी, इस बार चांद चौथ के दिन सिंह राशि में रहेंगे

चांद को जल अर्पित करने के बाद उनकी आरती उतारकर उन्हें खीर पूड़ी और तिल के प्रसाद का भोग लगाया जाता है.

चंद्रमा पूजन के लिए जरूरी है ये सामग्रियां
चंद्रमा को अर्घ्य देने के लिए- दूध, गंगाजल, शुद्ध जल, कलश, शहद, आदि. पूजा के लिए- फूल, अक्षत और धूप-दीप.
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