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प्रतीकात्मक तस्वीर
– फोटो : अमर उजाला
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हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने शहर की संरक्षित स्मारकों की हिफाजत व अतिक्रमण मुक्त बनाने के संबंध में किए गए कामों की रिपोर्ट पीठ के सीनियर रजिस्ट्रार के समक्ष पेश करने का आदेश दिया है।
अदालत ने इस बाबत पहले ही आदेश दिए थे। सुनवाई के दरम्यान अदालत को बताया गया कि 19 सितंबर को मामले में जरूरी कार्रवाई का दिया गया आदेश भूलवश सीनियर रजिस्ट्रार के समक्ष पेश नहीं किया जा सका।
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न्यायमूर्ति एआर मसूदी और न्यायमूर्ति बृजराज सिंह की खंडपीठ ने यह आदेश सैयद मोहम्मद हैदर रिजवी की याचिका पर दिया। कोर्ट ने इस मामले में राज्य सरकार व नगर निगम को संरक्षित स्मारकों की हिफाजत व अतिक्रमण मुक्त बनाने का आदेश दिया था। साथ ही दोनों से पूछा था कि लखनऊ व आसपास के संरक्षित स्मारकों की हिफाजत और उनको अतिक्रमण से मुक्त कराने के लिए क्या कदम उठाए हैं?
कोर्ट ने इस मामले में 2013 में दाखिल जनहित याचिका पर राज्य सरकार व नगर निगम से जवाबी हलफनामा भी मांगा था।
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