सत्यापन में खुली पोल: फर्जी दस्तावेज बनाकर MBBS में दाखिले का प्रयास, युवती की कारस्तानी देख सभी हैरान

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उमानाथ सिंह स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय

उमानाथ सिंह स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय
– फोटो : सोशल मीडिया।

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यूपी के जौनपुर जिले में स्थित उमानाथ सिंह स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय में फर्जी दस्तावेजों के सहारे एमबीबीएस में प्रवेश लेने पहुंची एक युवती को कॉलेज प्रशासन ने पकड़ लिया। हॉस्टल में सत्यापन में पोल खुलने के बाद कॉलेज प्रशासन ने पुलिस को भी मामले की सूचना दे दी है। डॉक्टर बनने का सपना देख रही युवती की इस कारस्तानी को देख सभी लोग हैरान रह गए। 

एमबीबीएस में प्रवेश लेने के लिए वाराणसी की एक युवती पहुंची। वह दो दिनों तक हॉस्टल में भी रही। महिला छात्रावास की प्रभारी डॉ. शशि पांडेय जांच करायी गई तो पता चला कि उसने नीट के अंक फर्जी तरीके से बढ़वा लिया था। उसी आधार पर उसने ऑनलाइन एलाटमेंट लेटर तैयार कराया और हॉस्टल में आ गई।

नीट में मिले थे 64 अंक, फर्जी तरीके से करा दिया 464

नीट में उसके 64 अंक थे। उसने लखनऊ के एक साइबर कैफै संचालक की मदद से अपने नंबर 464 करा लिए। इसके बदले में उसने 17 हजार रुपये दिए थे। वहीं से उसने एलाटमेंट लेटर तैयार कराया और  कॉलेज पहुंच गई। कॉलेज में 28 नवंबर तक काउंसिलिंग थी लेकिन वह 29 नवंबर को पहुंची।

कॉलेज प्रशासन ने उसे रियायत देते हुए छात्रावास में प्रवेश दे दिया। बाद में जब छात्रावास में सत्यापन होने लगा तो कुछ कागजात को लेकर बात फंस गई। इसकी सूचना वहां के प्रभारी ने प्राचार्य को दी। प्राचार्य ने जांच कराई तो फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ। प्राचार्य प्रो. शिव कुमार ने इसकी जानकारी एसडीएम और पुलिस को दे दी है।

उन्होंने बताया कि फर्जी एनओसी, एलॉटमेंट लेटर की ऑनलाइन जब जांच करायी गई तो इसकी जानकारी हुई। पता चला कि सभी दस्तावेज फर्जी हैं। इसकी सूचना पुलिस व सदर एसडीएम को भी दे दी गई है।

विस्तार

यूपी के जौनपुर जिले में स्थित उमानाथ सिंह स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय में फर्जी दस्तावेजों के सहारे एमबीबीएस में प्रवेश लेने पहुंची एक युवती को कॉलेज प्रशासन ने पकड़ लिया। हॉस्टल में सत्यापन में पोल खुलने के बाद कॉलेज प्रशासन ने पुलिस को भी मामले की सूचना दे दी है। डॉक्टर बनने का सपना देख रही युवती की इस कारस्तानी को देख सभी लोग हैरान रह गए। 

एमबीबीएस में प्रवेश लेने के लिए वाराणसी की एक युवती पहुंची। वह दो दिनों तक हॉस्टल में भी रही। महिला छात्रावास की प्रभारी डॉ. शशि पांडेय जांच करायी गई तो पता चला कि उसने नीट के अंक फर्जी तरीके से बढ़वा लिया था। उसी आधार पर उसने ऑनलाइन एलाटमेंट लेटर तैयार कराया और हॉस्टल में आ गई।

नीट में मिले थे 64 अंक, फर्जी तरीके से करा दिया 464

नीट में उसके 64 अंक थे। उसने लखनऊ के एक साइबर कैफै संचालक की मदद से अपने नंबर 464 करा लिए। इसके बदले में उसने 17 हजार रुपये दिए थे। वहीं से उसने एलाटमेंट लेटर तैयार कराया और  कॉलेज पहुंच गई। कॉलेज में 28 नवंबर तक काउंसिलिंग थी लेकिन वह 29 नवंबर को पहुंची।



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