सबके राम : श्रीराम के लिए आजीवन जेल में रहूं तो भी मंजूर है, बस मंदिर निर्माण का सपना हो पूरा

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Banwari Lal went to jail with brother and son in Ram Mandir Movement

बनवारी लाल महाशय
– फोटो : फाइल फोटो

विस्तार


दुर्गा वाहिनी की प्रांत संयोजक शशिबाला वार्ष्णेय राम मंदिर निर्माण का अपने पिता बनवारी लाल महाशय का सपना पूरा होते बेहद खुश है। उनके पिता बेटे और पिता के साथ करीब एक माह जेल में रहे थे।

मोहल्ला कच्चीगढ़ी निवासी शशिबाला वार्ष्णेय ने बताया कि उनके पिता बनवारीलाल महाशय उस समय विहिप के जिलाध्यक्ष थे और वह अपने भाई व बेटे के साथ वर्ष 1990 में जेल गए थे। उन्हें एक माह जेल में बिताना पड़ा था। शशिबाला वार्ष्णेय ने बताया कि उनके पिता बनवारीलाल भगवान श्रीराम के अनन्य भक्त थे। वर्ष 1989 व 1990 में बनवारीलाल विहिप के जिलाध्यक्ष थे।

राममंदिर आंदोलन के समय जनपद में उनकी बड़ी भूमिका थी। वर्ष 1990 में गोर्वधन पूजा के दिन पुलिस अचानक उनके घर पहुंची और उनके पिता को पकड़ने का प्रयास किया। गोवर्धन पूजा का बहाना बनाकर छत के जरिये उनके पिता वहां से भाग निकले। इसके बाद पुलिस ने उनके परिवार को प्रताड़ित किया। शशिबाला बताती हैं कि उनके बड़े भाई प्रदीप बाहर रहकर पढ़ाई करते थे। वह दीपावली पर घर आए हुए थे। पुलिस ने प्रदीप व चाचा श्रीराम हलवाई को पकड़ लिया। चार दिन तक उन्हें हिरासत में रखा। इसके बाद पिता बनवारीलाल को भी पुलिस ने पकड़ लिया और जेल भेज दिया गया। वह एक माह जेल में रहे।

जेल में जो भी उनसे मिलने जाता वह एक ही बात कहते- भगवान श्रीराम के लिए आजीवन जेल में रहूं तो भी मंजूर है, बस मंदिर निर्माण का सपना पूरा हो जाए। जेल से रिहा होने के बाद भी उनके पिता समय-समय पर राममंदिर आंदोलन में भाग लेते रहे। 29 अगस्त 2007 को बनवारीलाल का निधन हो गया था। शशिबाला कहती हैं कि आज पूरे परिवार को बेहद खुशी और गर्व हो रहा है कि उनके पिता भी राममंदिर आंदोलन का हिस्सा रहे। बनवारी लाल के बेटे चंद्रदीप आरएसएस के जिला प्रचार प्रमुख हैं, और अभयदीप भाजपा के नगर महामंत्री हैं।

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