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प्रदोष व्रत करने के लिए सबसे पहले आप त्रयोदशी तिथि के दिन सूर्योदय से पहले उठ जाएं, इसके बाद स्नान आदि करने के बाद आप साफ़ वस्त्र पहन लें.

फिर बेलपत्र, अक्षत, दीप, धूप, गंगाजल आदि से भगवान शिव की पूजा करें और ध्यान रखें कि इस व्रत में भोजन ग्रहण नहीं किया जाता है.

इस दिन का उपवास रखने के बाद सूर्यास्त से कुछ देर पहले दोबारा स्नान कर लें और सफेद रंग का वस्त्र धारण करें. आप स्वच्छ जल या गंगा जल से पूजा स्थल को शुद्ध कर लें.

अब आप गाय का गोबर ले और उसकी मदद से मंडप तैयार कर लें. पांच अलग-अलग रंगों की मदद से आप मंडप में रंगोली बना लें.

पूजा की सारी तैयारी करने के बाद आप उतर-पूर्व दिशा में मुंह करके कुशा के आसन पर बैठ जाएं. भगवान शिव के मंत्र ऊँ नम: शिवाय का जाप करें और शिव को जल चढ़ाएं.
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