सिंडिकेट की 119वीं बैठक: जम्मू विश्वविद्यालय में अब किसान भी बनेंगे प्रोफेसर, डिग्री की बाध्यता समाप्त

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Jammu University

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– फोटो : अमर उजाला

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जम्मू विश्वविद्यालय में अब किसान भी प्रोफेसर बन सकेंगे। विश्वविद्यालय में विजिटिंग प्रोफेसर बनने के लिए डिग्री की बाध्यता को समाप्त कर दिया गया है। यह फैसला बुधवार को जम्मू विश्वविद्यालय में वीसी प्रोफेसर उमेश राय की अध्यक्षता में हुई 119वीं सिंडिकेट बैठक में लिया गया।

शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए विवि में श्रेष्ठ शिक्षण विभाग पुरस्कार दिया जाएगा। इंपैनलमेंट ऑफ एंडजेक्ट और विजटिंग फैकल्टी में प्रोफेसर नियुक्त करने का भी फैसला लिया गया है। सांस्कृतिक और विरासत पर्यटन में एक साल का स्नातकोत्तर डिप्लोमा, रक्षा व सामरिक अध्ययन में स्नातकोत्तर डिग्री, डेटा साइंस में चार साल का बीसीए कोर्स, नई शिक्षा नीति के तहत भद्रवाह कैंपस में गैर शिक्षण पदों के लिए भर्ती और 2022 के पदोन्नति नियम को लागू किया जाएगा।

उधमपुर कैंपस में पांच वर्षीय एकीकृत कोर्स में बीकॉम, एलएलबी, बी फार्मेसी में चार साल की एकीकृत डिग्री के साथ दूरस्थ शिक्षा निदेशालय में एमकॉम व एमए इंग्लिश का कोर्स ऑनलाइन करवाया जाएगा। बैठक में प्रो. राय ने नवाचार और उद्यमिता का एक परिस्थितिकी तंत्र बनाने की बात कही। कहा कि विवि सार्वजनिक निजी भागीदारी मोड में एक स्थायी डायग्नोस्टिक रिसर्च सेंटर स्थापित करने की परिकल्पना कर रहा है। इसमें बायो टेक्नोलॉजी और माइक्रो बायोलॉजी के विद्वानों सहित छात्र इंटर्नशिप कर सकते हैं। बैठक में विश्वविद्यालय में बेस्ट टीचिंग डिपार्टमेंट शुरू करने, अनुसंधान, पाठ्यक्रम में सुधार पर भी मंथन किया गया।

विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार प्रो. अरविंद जसरोटिया ने बैठक में 34 विषयों पर एजेंडा प्रस्तुत किया। इसमें विश्वविद्यालय की वैश्विक दृश्यता बढ़ाने और विभिन्न क्षेत्रों के संकाय, विशेषज्ञों, पेशेवरों और शोधकर्ताओं को आकर्षित करने के लिए अनुसंधान की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए सर्वसम्मति से यूजीसी के निर्देशों को अपनाया गया है। मदन मोहन मालवीय विश्वविद्यालय गोरखपुर के वीसी प्रोफेसर जेपी पांडेय, कोड्स के सामान्य निदेशक शादी लाल पंडिता, वित्त विभाग जम्मू-कश्मीर के अब्दुल मजीद बट, उच्च शिक्षा विभाग के विशेष सचिव राकेश बडियाल सिंडिकेट की बैठक में विशेष सदस्य थे। इनके अलावा विवि के प्रो. चंद्र भूषण शर्मा, प्रो. सुनीता सहित, प्रो. जसबीर सिंह और कॉलेजों के प्रिंसिपल भी शामिल रहे।

संस्कृति, विरासत और पर्यटन में शुरू किया जाएगा पीजी डिप्लोमा
सिंडिकेट की बैठक में जम्मू की संस्कृति, विरासत, पर्यावरण और पर्यटन की क्षमता को बढ़ावा देने का प्रस्ताव पारित किया गया। इसके लिए संस्कृति और इतिहास में में एक वर्षीय पीजी डिप्लोमा शुरू किया जाएगा।

संगीत व ललित कला संस्थान में पीजी विषय के कोर्स होंगे
सिंडिकेट ने संगीत और ललित कला संस्थान में मास्टर ऑफ परफॉर्मिंग आर्ट्स में कोर्स शुरू करने का भी प्रस्ताव पारित किया। इसमें भारतीय शास्त्रीय गायन संगीत, हिंदुस्तानी शास्त्रीय सितार उपकरण, क्लासिक वायलिन, तबला वाद्य और भारतीय शास्त्रीय नृत्य कथक आदि विषय होंगे।

अतिथि गृह का भी सुचारू रूप से होगा संचालन
अतिथि गृह के प्रभावी एवं सुचारू संचालन से संबंधित मौजूदा अधोसंरचना एवं अन्य संबद्ध सेवाओं के उन्नयन के लिए समिति का गठन किया गया है। अब विश्वविद्यालय में अतिथि गृहों का भी संचालन होगा। जम्मू विवि की बौद्धिक संपदा अधिकार नीति को अपनाने का भी समिति ने भरपूर समर्थन किया है।

विस्तार

जम्मू विश्वविद्यालय में अब किसान भी प्रोफेसर बन सकेंगे। विश्वविद्यालय में विजिटिंग प्रोफेसर बनने के लिए डिग्री की बाध्यता को समाप्त कर दिया गया है। यह फैसला बुधवार को जम्मू विश्वविद्यालय में वीसी प्रोफेसर उमेश राय की अध्यक्षता में हुई 119वीं सिंडिकेट बैठक में लिया गया।

शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए विवि में श्रेष्ठ शिक्षण विभाग पुरस्कार दिया जाएगा। इंपैनलमेंट ऑफ एंडजेक्ट और विजटिंग फैकल्टी में प्रोफेसर नियुक्त करने का भी फैसला लिया गया है। सांस्कृतिक और विरासत पर्यटन में एक साल का स्नातकोत्तर डिप्लोमा, रक्षा व सामरिक अध्ययन में स्नातकोत्तर डिग्री, डेटा साइंस में चार साल का बीसीए कोर्स, नई शिक्षा नीति के तहत भद्रवाह कैंपस में गैर शिक्षण पदों के लिए भर्ती और 2022 के पदोन्नति नियम को लागू किया जाएगा।

उधमपुर कैंपस में पांच वर्षीय एकीकृत कोर्स में बीकॉम, एलएलबी, बी फार्मेसी में चार साल की एकीकृत डिग्री के साथ दूरस्थ शिक्षा निदेशालय में एमकॉम व एमए इंग्लिश का कोर्स ऑनलाइन करवाया जाएगा। बैठक में प्रो. राय ने नवाचार और उद्यमिता का एक परिस्थितिकी तंत्र बनाने की बात कही। कहा कि विवि सार्वजनिक निजी भागीदारी मोड में एक स्थायी डायग्नोस्टिक रिसर्च सेंटर स्थापित करने की परिकल्पना कर रहा है। इसमें बायो टेक्नोलॉजी और माइक्रो बायोलॉजी के विद्वानों सहित छात्र इंटर्नशिप कर सकते हैं। बैठक में विश्वविद्यालय में बेस्ट टीचिंग डिपार्टमेंट शुरू करने, अनुसंधान, पाठ्यक्रम में सुधार पर भी मंथन किया गया।

विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार प्रो. अरविंद जसरोटिया ने बैठक में 34 विषयों पर एजेंडा प्रस्तुत किया। इसमें विश्वविद्यालय की वैश्विक दृश्यता बढ़ाने और विभिन्न क्षेत्रों के संकाय, विशेषज्ञों, पेशेवरों और शोधकर्ताओं को आकर्षित करने के लिए अनुसंधान की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए सर्वसम्मति से यूजीसी के निर्देशों को अपनाया गया है। मदन मोहन मालवीय विश्वविद्यालय गोरखपुर के वीसी प्रोफेसर जेपी पांडेय, कोड्स के सामान्य निदेशक शादी लाल पंडिता, वित्त विभाग जम्मू-कश्मीर के अब्दुल मजीद बट, उच्च शिक्षा विभाग के विशेष सचिव राकेश बडियाल सिंडिकेट की बैठक में विशेष सदस्य थे। इनके अलावा विवि के प्रो. चंद्र भूषण शर्मा, प्रो. सुनीता सहित, प्रो. जसबीर सिंह और कॉलेजों के प्रिंसिपल भी शामिल रहे।

संस्कृति, विरासत और पर्यटन में शुरू किया जाएगा पीजी डिप्लोमा

सिंडिकेट की बैठक में जम्मू की संस्कृति, विरासत, पर्यावरण और पर्यटन की क्षमता को बढ़ावा देने का प्रस्ताव पारित किया गया। इसके लिए संस्कृति और इतिहास में में एक वर्षीय पीजी डिप्लोमा शुरू किया जाएगा।

संगीत व ललित कला संस्थान में पीजी विषय के कोर्स होंगे

सिंडिकेट ने संगीत और ललित कला संस्थान में मास्टर ऑफ परफॉर्मिंग आर्ट्स में कोर्स शुरू करने का भी प्रस्ताव पारित किया। इसमें भारतीय शास्त्रीय गायन संगीत, हिंदुस्तानी शास्त्रीय सितार उपकरण, क्लासिक वायलिन, तबला वाद्य और भारतीय शास्त्रीय नृत्य कथक आदि विषय होंगे।

अतिथि गृह का भी सुचारू रूप से होगा संचालन

अतिथि गृह के प्रभावी एवं सुचारू संचालन से संबंधित मौजूदा अधोसंरचना एवं अन्य संबद्ध सेवाओं के उन्नयन के लिए समिति का गठन किया गया है। अब विश्वविद्यालय में अतिथि गृहों का भी संचालन होगा। जम्मू विवि की बौद्धिक संपदा अधिकार नीति को अपनाने का भी समिति ने भरपूर समर्थन किया है।



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