सूर्य गोचर के बाद मेष राशि में बना पितृ दोष, वृषभ-कर्क, कन्या-मकर राशि वाले सावधानी बरतें, बढ़ेगी समस्या

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Surya Gochar 2023: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सूर्य को ग्रहों के राजा होने के कारण सभी ग्रहों में श्रेष्ठ माना जाता है .यह अग्नि तत्व होने के कारण शक्ति प्रदान करते है . सूर्य जन्म से मृत्यु का कारण होते है यही कारण है की इनको ज्योतिष में आत्मा कहा जाता है. सूर्य देव 14 अप्रैल 2023 दिन शुक्रवार को दोपहर 2 बजकर 42 मिनट पर सूर्य मेष राशि में गोचर कर चुके है. अब सूर्य मेष राशि में विराजमान है. इससे पहले सूर्य मीन राशि में थे. सूर्य मेष राशि का स्वामित्व मंगल करते है. मंगल और सूर्य दोनों मित्र ग्रह है. लेकिन, मेष राशि में सूर्य उच्च के हो जाते है, जो कुछ राशि के लिए बहुत ही उतम फलदायी देने वाला है. वहीं कुछ राशि के लिए कष्टकारी रहने वाला है. इस राशि में पहले से राहु विराजमान है.

वृषभ-कर्क, कन्या-मकर राशि वाले सावधानी बरतें

राहु छाया ग्रह है. इनका दृष्टि शुभ ग्रह पर पड़ता है. ज्योतिष में राहु तथा सूर्य की युति किसी राशि में बनता है उसे पितृ दोष माना जाता है. इस दोष के कारण आम जीवन पर काफी असर दिखाई देता है. इस बार मेष की संक्रांति रिक्ता तिथि को होने के कारण कई तरह से परेशानी रहने वाला है. इस समय जिनके कुंडली में पितृ दोष बना हुआ है, उनके लिए या राहु की महादशा चल रहा हो या सूर्य की महादशा में राहू की अंतरदशा चर रहा हो, उनके लिए परेशानी बनेगा. सूर्य गोचर से वायुमंडल पर काफी प्रभाव पड़ेगा. बाजार भाव में तेजी रहेगा, शेयर मार्केट पर भी काफी असर दिखाई देगा. इस संक्रांति से मेष राशि में पितृ दोष बन रहा है. जिसके कारण वृषभ-कर्क, कन्या-मकर राशि वाले सावधानी बरतने की जरुरत है.

वृषभ राशि- इस राशि में सूर्य चौथे घर के स्वामी होकर इनका गोचर बारहवे भाव में हो रहा है. इस राशि में पितृ दोष बन रहा है. खर्च बढ़ जायेंगे. दाम्पत्य जीवन में परेशानी बनेगी. पिता के साथ संबंध ठीक नहीं रहेगा. सयम से काम ले. कोर्ट कचहरी के काम या राज दंड का भागी बन जायेंगे. रोजगार के क्षेत्र में अलर्ट रहे. नौकरी करने वाले अपने वाणी पर नियंत्रण रखें.

कर्क राशि- इस राशि में सूर्य दूसरे भाव के स्वामी होकर दशम भाव में गोचर कर रहे है. जिसे आप अपने नौकरी के प्रति सचेत रहे. राहु आपको परेशान करेगा. आप अपना विश्वास खत्म नहीं करें. विवाद बढ़ जायेगा.

कन्या राशि- इस राशि में सूर्य बारह भाव का स्वामी होकर अष्टम भाव में पितृ दोष बन रहा है. स्वास्थ्य ठीक नहीं रहेगा. सूर्य और राहु का युति आपको अहंकार बढ़ जायेगा. कार्य स्थल पर ध्यान दें. अधिकारी का सहयोग नहीं मिल पायेगा. सयम से काम करें. संतान का सुख काम मिलेगा.

मकर राशि- इस राशि में सूर्य अष्टम भाव का स्वामी है और यह चौथे भाव में गोचर करेंगे. सूर्य और राहु चौथे भाव में इस समय आप कुछ नया नहीं करें. नये निवेश से बचे. पारिवारिक जीवन में अनबन बना रहेगा. मन शांत नहीं रहेंगे.

ज्योतिषाचार्य संजीत कुमार मिश्रा

ज्योतिष वास्तु एवं रत्न विशेषज्ञ

मो. 8080426594/9545290847

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