हड़ताल से हाहाकार: वाराणसी में बिजली-पानी को बिलबिलाए लोग, सड़कों पर उतरी जनता, तस्वीरों में देखें

[ad_1]

बिजली कर्मियों की 72 घंटे की सांकेतिक हड़ताल रविवार दोपहर बाद भले ही समाप्त हो गई लेकिन परेशानियां कम नहीं हुईं। पूरी तरीके से बिजली आपूर्ति बहाल होने में कुछ घंटों का वक्त लग सकता है। शनिवार को हुई बारिश के कारण कई जगह लाइन में फॉल्ट भी है। हड़ताल से लौटे कर्मचारी अब फॉल्ट की मरम्मत करेंगे। ऐसे में पानी और मोबाइल चार्जिंग को तरस रहे लोगों को अभी भी राहत के लिए इंतजार करना होगा। हड़ताल के दौरान वाराणसी जिले में कहीं 30 तो कहीं 40 तो कहीं 60 घंटे तक बिजली नहीं रही। शहरी क्षेत्र से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों तक हाहाकर मच गया।  कई गांव-मोहल्लों में 36-40 घंटे से बिजली गुल होने के कारण अभी लोग नहाने-खाने तक के पानी के लिए परेशान रहे।

बिजली आपूर्ति ठप होने से उत्पन्न पेयजल किल्लत अब व्यापक जनाक्रोश की वजह बनती दिखी। स्नान और कपड़ा धुलाई के लिए बड़ी संख्या में आबादी ने गंगा की ओर रुख किया। रविवार को शहर के कई हिस्सों में स्थानीय लोगों ने खाली बाल्टियां लेकर चक्का जाम कर दिया। इससे लंबा जाम लग गया। वाराणसी में सपा समेत अन्य दलों ने प्रदर्शन कर जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा। 




बिजली आपूर्ति ठप होने से सबसे बड़ी मुसीबत नगर क्षेत्र के लोगों को पीने के पानी के लिए हुई। सुबह होते ही पानी के लिए मारामारी की नौबत पैदा हो गई। ग्रामीण क्षेत्रों में भी आपूर्ति ठप होने से लोगों को काफी दुश्वारियां झेलनी पड़ी। 


शहर के ज्यादातर मोहल्लों में जलापूर्ति करने वाले नलकूपों को स्थानीय उपकेंद्रों से बिजली मिलती है। विद्युत कर्मियों की हड़ताल के बाद से कई उपकेंद्रों से बिजली नहीं मिली। इससे मोहल्लों में हाहाकार की स्थिति है। मौके पर पहुंची पुलिस ने समझाया पर लोग नहीं माने। उनका कहना था कि बिजली कर्मचारियों और सरकार के बीच लड़ाई में आम लोग पिस रहे हैं।


बिजली न होने से ई-रिक्शा भी सड़कों से गायब हो गए। ई-रिक्शा चार्ज नहीं हो पा रहे हैं, जहां-तहां खड़े दिखाई दे रहे हैं। हालांकि सीएनजी और पेट्रोल से चलने वाले ऑटो चल रहे हैं। 


[ad_2]

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *