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allahabad high court
– फोटो : social media
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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राज्य सरकार पर बकाया उत्तर प्रदेश बार काउंसिल प्रयागराज की अधिवक्ता कल्याण निधि योजना का करोड़ों रुपये जमा करने की मांग में दाखिल जनहित याचिका पर राज्य सरकार से चार हफ्ते में जवाब मांगा है और पिछले आदेश का अनुपालन हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है। यह आदेश मुख्य न्यायमूर्ति प्रीतिंकर दिवाकर तथा न्यायमूर्ति एस डी सिंह की खंडपीठ ने अधिवक्ता सुनीता शर्मा व पूजा मिश्रा की जनहित याचिका पर दिया है।
याची अधिवक्ता वीसी श्रीवास्तव का कहना है कि अधिवक्ता कल्याण निधि का तीन अरब, 56 करोड़, 60 लाख 91 हजार रुपये राज्य सरकार पर बाकी है। यह राशि वकालतनामे पर लगने वाले अधिवक्ता कल्याण स्टैंप से प्राप्त होती है। जो सरकारी खजाने में जमा होती है और सरकार जमा राशि अधिवक्ता कल्याण निधि में जमा करती है। इस राशि से मृत अधिवक्ताओं के आश्रितों को पांच लाख की सहायता दी जाती है।
साथ ही वकालत से विराम लेने पर फंड मुहैया कराया जाता है। इसी फंड से नये वकीलों को तीन साल तक पांच हजार रुपये प्रतिमाह देने की भी व्यवस्था की गई है। सरकार द्वारा समय से पैसे जमा न करने से सैकड़ों मृत अधिवक्ता आश्रितों को आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने में देरी हो रही है। जो योजना के उद्देश्य को विफल करने वाली है। कोर्ट ने जानकारी मांगी थी किन्तु कोई जानकारी नहीं दी गई। इस पर कोर्ट ने जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है।
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