हाईकोर्ट का अहम फैसला : कर्मचारी के बकाये की वसूली न तो आश्रित से हो सकती है, न ग्रेच्युटी से

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Important decision of the High Court: The dues of the employee can neither be recovered from the beneficiary n

इलाहाबाद हाईकोर्ट
– फोटो : अमर उजाला

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हाईकोर्टने कहा कि मृतक कर्मचारी के बकाए की वसूली न तो आश्रित से की जा सकती है और न ही सेवानिवृति लाभों सहित ग्रेच्युटी की धनराशि से। सेवानिवृति लाभों सहित ग्रेच्युटी प्राप्त करना उसका अधिकार है, उसकी मृत्यु की दशा में आश्रित उस धनराशि को प्राप्त करने का अधिकारी है। यह आदेश उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति अजीत कुमार ने याची मोहम्मद शमीम द्वारा लोक निर्माण विभाग द्वारा मृतक पिता की सेवानिवृतिक लाभों से सेवाकाल के बकाये की वसूली आदेश को चुनौती देने वाली याचिका को स्वीकार करते हुए दिया।

याची के अधिवक्ता प्रभाकर सिन्हा का कहना था कि याची के पिता लोक निर्माण विभाग कानपुर नगर में दैनिक वेतन पर बेलदार के पद पर कार्यरत थे, 2010 में उनकी सेवाएं नियमित हो गई। इससे पहले याची के पिता को न्यूनतम वेतन स्कीम के तहत दो लाख छह हजार छह सौ छप्पन रूपये विभाग द्वारा एक लंबित याचिका में पारित अंतरित आदेश के अनुपालन ने प्रदान किये गए थे।

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