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                        Prayagraj News :  मनीष मिश्र, ब्लॉक प्रमुख, ज्ञानपुर भदोही।
                                    – फोटो : अमर उजाला। 
                    
विस्तार
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने डीघ के ब्लॉक प्रमुख मनीष मिश्रा व सुरेश केशरवानी की अनुसूचित जाति की महिला से दुष्कर्म मामले में सशर्त जमानत मंजूर कर ली है। व्यक्तिगत मुचलके व दो प्रतिभूति लेकर रिहा करने का निर्देश दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति आरएमएन मिश्र ने सत्र अदालत भदोही के जमानत अर्जी निरस्त करने के फैसले के खिलाफ सुरेश केशरवानी व मनीष मिश्रा की अपील को स्वीकार करते हुए दिया है। कोर्ट ने सत्र अदालत के आदेश को रद्द कर दिया है।
गांव रघुपुर, सैदाबाद, हंडिया की निवासी 30 वर्षीय विवाहिता पीड़िता मार्च 2019 में जीटी रोड पर काम की तलाश में खड़ी थी। आरोपियों ने उसे गेहूं काटने के काम के लिए कार में लिफ्ट दी और नवधन गांव के मकान में ले गए और दुष्कर्म किया। धमकी दी। कहा काम दिलायेंगे। ऐसा कई बार बुलाकर किया गया। नौ नवंबर 2021 को सुरेश केशरवानी ने फोन कर बुलाया डीघ ब्लाक के कमरे में दुष्कर्म कर वीडियो बनाकर वायरल करने की व किसी को बताने पर जान से मारने की धमकी दी।
पीडि़ता ने 10 नवंबर 2021 को एसपी भदोही को पत्र लिखा और सात दिसंबर 2021 को एफआईआर दर्ज की गई। दोनों आरोपी क्रमश: नौ दिसंबर 2021 व सात दिसंबर 2021 से जेल में बंद हैं। मनीष मिश्रा का कहना था कि वह सात बार से ब्लॉक प्रमुख हैं। राजनैतिक कारण से 2022 विधान सभा चुनाव से पहले फंसाया गया है। दो साल नौ महीने बाद एफआईआर दर्ज कराई गई है और पीडि़ता अपना बयान लगातार बदल रही है। इसलिए जमानत पर रिहा किया जाए। सरकार की तरफ से कहा गया कि याची की 2021 केस की हिस्ट्रीशीट है। इसलिए जमानत पाने का हकदार नहीं हैं। कोर्ट ने कई शर्तों के साथ जमानत मंजूर कर ली है।
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