हादसे में तीन की मौत: कातिल हाथी को कानपुर लेकर जाएगी विशेष टीम, इस वजह से आया गजराज को गुस्सा

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गोरखपुर जिले के मोहम्मदपुर माफी गांव में कातिल बने हाथी को कानपुर लेकर विशेष टीम जाएगी। इसके लिए एक टीम को बुलाया गया है। डॉक्टर हाथी का इलाज करेंगे। संभव है कि इसके बाद उसे कानपुर के चिड़ियाघर में रखा जा सकता है। फिलहाल, उसे एक बाग में बांधकर रखा गया है।

उधर, खबर है कि हाथी तांडव मचाने से पहले अजीब हरकत कर रहा था। ग्रामीणों ने उसे दूर ले जाने के लिए कहा था, लेकिन महावत ने किसी की बात नहीं सुनी। बताया जा रहा है जनवरी 2022 में जब हाथी ने अपने महावत की जान ली थी, तब इसे जब्त कर लिया गया था, लेकिन फिर छोड़ दिया गया।

 

गांव के राजेश मौर्य ने बताया कि गांव के लोग महावत से बार-बार हाथी को दूर ले जाने के लिए बोल रहे थे। लेकिन, महावत उनकी कोई भी बात सुनने को तैयार नहीं था। महिलाएं हाथी का पूजन कर उसे चढ़ावा चढ़ा रही थीं। महावत रुपये के लालच में वहां पर बना हुआ था। हाथी के पास भीड़ लगी थी। इतने लोग एक साथ हाथी को छूने लगे और उसे घेर लिए, जिसकी वजह से हाथी भड़क गया।

 

पोती को बचाने के चक्कर में चली गई कांती की जान

कांती, पोती आयुषी को लेकर यज्ञ में आई थीं। वह भी हाथी के पास ही थीं। अचानक भगदड़ मचने पर आयुषी को पीछे करके कांती आगे आ गईं। इसी बीच हाथी ने पटककर कांती को मार डाला।

मोहम्मदपुर माफी ग्राम प्रधान अभिमन्यु ने कहा कि महायज्ञ का आयोजन गांव वालों ने मिलकर किया था। हाथी बांसगांव के विपिन सिंह की थी। यह विधायक हैं या नहीं, यह नहीं मालूम है। महायज्ञ में दो हाथी, ऊंट को बुलाया गया था। हादसे के बाद दूसरे हाथी को भी हटा दिया गया। पांच साल बाद यज्ञ का आयोजन हुआ था।

 

इसलिए आता है हाथी को गुस्सा

जुलाई से दिसंबर के बीच का समय जंगली नर हाथियों के मस्त होने का समय होता है। इस समय नर हाथी को वंश बढ़ाने के लिए मादा की जरूरत होती है। एक वयस्क नर हाथी 3 से 6 महीने तक मस्त अवस्था में रहता है। 15 साल के युवा हाथी 15 दिन से एक महीने तक मस्त रहते हैं। ऐसे में उनके माहौल के अनुसार अगर परिवेश नहीं रहता तो इनके गुस्साने की गुंजाइश बन जाती हैं।

 

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