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जिला अस्पताल के इमरजेंसी में दिखाने जाते लोग।
– फोटो : अमर उजाला।
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गोरखपुर में तेज धूप और लू जानलेवा हो गई है। आलम यह है कि खेत में काम करते किसान, राह चलते लोग गिर जा रहे हैं और फिर उठ नहीं रहे हैं। सोमवार जिले में विभिन्न जगहों पर कुछ इसी तरह से असामान्य तरीके से छह लोगों की मौत हो गई। आशंका जताई जा रही है कि ये सभी मौतें लू लगने से हुई है। डॉक्टरों का कहना है कि पोस्टमार्टम रिर्पोट सामने आने के बाद सही वजह सामने आ सकेगी।
जिला अस्पताल के इमरजेंसी में तेज बुखार, उल्टी, दस्त से पीड़ित मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। दो मरीज जिला अस्पताल में भर्ती होने पहुंचे थे लेकिन वे पहले ही दम तोड़ चुके थे। दोनों के परिजन शव लेकर चले गए। लेकिन, पोस्टमार्टम रिपोर्ट न होने की वजह से सही कारणों की जानकारी नहीं हो सकी है। उधर, सुबह से शाम सात बजे तक जिला अस्पताल के इमरजेंसी में सात बजे तक 74 मरीज भर्ती हो चुके थे। इनमें 38 ऐसे थे, जिनको तेज बुखार, उल्टी, दस्त और कमजोरी की शिकायत थी।
गर्मी के चलते हालात ऐसे हो गए हैं कि मरीज इमरजेंसी में आते-आते बेहाेश हो जा रहे हैं। डॉक्टर इसका कारण डिहाईड्रेशन बता रहे हैं। पादरी बाजार से इलाज के लिए 2:40 बजे जिला अस्पताल के इमरजेंसी में पहुंची सुनीता को उल्टी के साथ तेज पेट दर्द की शिकायत थी। उनके साथ उनकी छोटी बहन कौशिल्या उन्हें पंखे से हवा दे रही थी। इसके बाद भी उन्हें गर्मी से राहत नहीं मिल रही थी।
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इस बीच जिला अस्पताल के इमरजेंसी में तीन से चार मरीज एंबुलेंस से आ गए। इनमें खजनी से रामकिशोर को तेज बुखार की शिकायत थी। बताया कि पैरासिटामॉल खाया, लेकिन कोई असर नहीं हुआ। शरीर में दर्द ऐसा हैं कि जैसे जान चली जाएगी। इमरजेंसी मेडिकल अफसर डॉ. शहनवाज ने बताया कि इमरजेंसी में आने वाले 20 से 25 फीसदी मरीजों को उल्टी, दस्त के साथ तेज बुखार की शिकायत हैं। इन मरीजों को 24 से 48 घंटे भर्ती करना पड़ रहा है। बताया कि गर्मी की वजह से सबसे अधिक दिक्कत लो बीपी की है। यही वजह है कि लोगों को सलाह दी जा रही है कि अधिक से अधिक पानी पीएं।
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