हिमाचल: 16 निजी विश्वविद्यालयों में शुरू होंगे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ड्रोन तकनीक के कोर्स

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– फोटो : अमर उजाला

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हिमाचल प्रदेश के 16 निजी विश्वविद्यालयों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और ड्रोन तकनीक की शिक्षा भी दी जाएगी। राज्य निजी शिक्षण संस्थान विनियामक आयोग ने निजी विश्वविद्यालयों का निरीक्षण करने के बाद नए कोर्स शुरू करने की मंजूरी दे दी है। निजी विश्वविद्यालयों में फूड टेक्नालॉजी, रोबोटिक्स सहित स्किल आधारित कोर्स भी करवाने की तैयारी है। आयोग के अध्यक्ष मेजर जनरल सेवानिवृत्त अतुल कौशिक ने कहा कि बदलते समय के साथ सिलेबस में भी बदलाव करने की जरूरत महसूस की गई है।

इसी कड़ी में आयोग की एक टीम ने विश्वविद्यालयों का दौरा कर उपलब्ध सुविधाओं के आधार पर नए कोर्स मंजूर किए हैं। केंद्र सरकार की ओर से लागू की गई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में कौशल विकास के लिए किए जा रहे प्रयासों के तहत ये नए कोर्स शुरू किए जा रहे हैं। सर्टिफिकेट और स्नात्तकोत्तर डिप्लोमा कोर्स के तौर पर इन विषयों में विद्यार्थी दाखिला ले सकेंगे। इन कोर्सों की यह खासियत है कि परंपरागत विषयों के अध्ययन से आगे बढ़कर इन विषयों से युवाओं के कौशल विकास पर बल दिया जाएगा।

इन कोर्सों को करने के बाद युवा स्वरोजगार के माध्यम से स्वावलंबन की ओर कदम बढ़ा सकेंगे। आयोग के अध्यक्ष ने बताया कि विद्यार्थियों की आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस बढ़ाने के लिए उनके बेसिक क्लीयर किए जाएंगे। मशीनें किस तरह से काम करती हैं, इनमें बदलाव कैसे हो सकता है। मशीनों में कौन सा पुर्जा कैसे काम करता है। आधुनिक तकनीकें कैसे काम करती हैं। इन सब का ज्ञान विद्यार्थियों को दिया जाएगा। रोबोटिक तकनीक को भी बढ़ावा दिया जाएगा।

उन्होंने कहा कि ड्रोन का देश-विदेश में तेजी से इस्तेमाल बढ़ रहा है। प्रदेश के निजी विश्वविद्यालयों के विद्यार्थियों को ड्रोन तकनीक में दक्ष बनाया जाएगा। इसके अलावा फूड टेक्नालॉजी और स्किल आधारित अन्य कोर्स भी निजी विश्वविद्यालयों को मंजूर किए गए हैं। उन्होंने कहा कि सभी निजी विश्वविद्यालय प्रबंधन इस संदर्भ में विस्तृत प्रस्ताव तैयार कर जल्द ही आयोग को अवगत भी कराएंगे।

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हिमाचल प्रदेश के 16 निजी विश्वविद्यालयों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और ड्रोन तकनीक की शिक्षा भी दी जाएगी। राज्य निजी शिक्षण संस्थान विनियामक आयोग ने निजी विश्वविद्यालयों का निरीक्षण करने के बाद नए कोर्स शुरू करने की मंजूरी दे दी है। निजी विश्वविद्यालयों में फूड टेक्नालॉजी, रोबोटिक्स सहित स्किल आधारित कोर्स भी करवाने की तैयारी है। आयोग के अध्यक्ष मेजर जनरल सेवानिवृत्त अतुल कौशिक ने कहा कि बदलते समय के साथ सिलेबस में भी बदलाव करने की जरूरत महसूस की गई है।

इसी कड़ी में आयोग की एक टीम ने विश्वविद्यालयों का दौरा कर उपलब्ध सुविधाओं के आधार पर नए कोर्स मंजूर किए हैं। केंद्र सरकार की ओर से लागू की गई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में कौशल विकास के लिए किए जा रहे प्रयासों के तहत ये नए कोर्स शुरू किए जा रहे हैं। सर्टिफिकेट और स्नात्तकोत्तर डिप्लोमा कोर्स के तौर पर इन विषयों में विद्यार्थी दाखिला ले सकेंगे। इन कोर्सों की यह खासियत है कि परंपरागत विषयों के अध्ययन से आगे बढ़कर इन विषयों से युवाओं के कौशल विकास पर बल दिया जाएगा।

इन कोर्सों को करने के बाद युवा स्वरोजगार के माध्यम से स्वावलंबन की ओर कदम बढ़ा सकेंगे। आयोग के अध्यक्ष ने बताया कि विद्यार्थियों की आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस बढ़ाने के लिए उनके बेसिक क्लीयर किए जाएंगे। मशीनें किस तरह से काम करती हैं, इनमें बदलाव कैसे हो सकता है। मशीनों में कौन सा पुर्जा कैसे काम करता है। आधुनिक तकनीकें कैसे काम करती हैं। इन सब का ज्ञान विद्यार्थियों को दिया जाएगा। रोबोटिक तकनीक को भी बढ़ावा दिया जाएगा।

उन्होंने कहा कि ड्रोन का देश-विदेश में तेजी से इस्तेमाल बढ़ रहा है। प्रदेश के निजी विश्वविद्यालयों के विद्यार्थियों को ड्रोन तकनीक में दक्ष बनाया जाएगा। इसके अलावा फूड टेक्नालॉजी और स्किल आधारित अन्य कोर्स भी निजी विश्वविद्यालयों को मंजूर किए गए हैं। उन्होंने कहा कि सभी निजी विश्वविद्यालय प्रबंधन इस संदर्भ में विस्तृत प्रस्ताव तैयार कर जल्द ही आयोग को अवगत भी कराएंगे।



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