काठगोदाम-हैड़ाखान मार्ग भले ही खुल गया हो मगर इस मार्ग पर चलना काफी खतरनाक साबित हो रहा है। लोक निर्माण विभाग ने जो कच्ची सड़क तैयार की है उस पर चढ़ाई पर वाहन रपटकर पीछे की ओर आ रहे हैं।
खतरा इतना कि जरा सी चूक होने पर वाहन खाई में समा सकता है। इस मार्ग पर भू-धंसाव भी शुरू हो गया है। पहाड़ी से भी रुक-रुककर मलबा गिर रहा है। 120 गांवों की 50,000 की आबादी की लाइफ लाइन कहा जाने वाला काठगोदाम-हैड़ाखान मार्ग भूस्खलन प्रभावित स्थल पर खतरों से भरा है।
मार्ग पर धंसाव वाली जगह पर बीते दिनों एक वाहन अनियंत्रित होकर पलट गया था। दोपहिया वाहनों के लिए चढ़ाई पार करना मुश्किल हो रहा है। शनिवार को भी ऐसा ही कुछ देखने को मिला। प्रभावित स्थल पर बाइक पर सवार दो लोग चढ़ाई पार करने की कोशिश कर रहे थे।
इसी दौरान चढ़ाई पर बाइक बंद हो गई और सड़क पर करीब 20 फीट तक नीचे की ओर रपटती गई। किसी तरह बाइक सवार ने वाहन को गिरने से रोका। स्कूटी सवार दो लोगों ने भी किसी तरह स्कूटी आगे निकाली। चौपहिया वाहनों को भी उबड़-खाबड़ चढ़ाई में काफी मशक्कत करनी पड़ रही है और उनके पीछे रपटने का खतरा बना हुआ है।
मुसाफिरों की जुबानी
हैड़ाखान मार्ग पर चलना खतरे से खाली नहीं है। ऊबड़-खाबड़ चढ़ाई से दोपहिया वाहनों के गिरने का खतरा बना हुआ है। इस मार्ग की जल्द स्थायी तौर पर मरम्मत की जाए ताकि सफर सुरक्षित रहे। -ओम राठौर, यात्री
धूल के गुबार से लोगों को परेशानी हो रही है। दोपहिया वाहन पर दो लोगों का चलना जोखिम भरा है। कई लोग वाहन अनियंत्रित होने से चोटिल हो चुके हैं। कोई बड़ी अनहोनी न हो इसलिए रास्ता जल्द दुरुस्त करें। चंदन बिष्ट, निवासी, कौंता
चढ़ाई पर गाड़ी बैक होकर रपट रही है। इस मार्ग पर पिछले दिनों एक कैंटर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। सड़क का एलाइनमेंट ठीक करने की जरूरत है, अन्यथा कभी भी बड़ी दुर्घटना हो सकती है। – भुवन भट्ट, वाहन चालक
रास्ता नाममात्र का खुला है। अभी भी खतरा बरकरार है। बड़ा हादसा न हो इसके लिए सरकार और प्रशासन को अलर्ट रहना चाहिए। रास्ते की समस्या का पूर्ण समाधान करने की जरूरत है। -अभिनव तिवारी, संचालक, ग्रामीण कैफे
सड़क खोलना पहली प्राथमिकता थी। मार्ग को काफी प्रयास के बाद खोला गया है। मार्ग धंसने की बात सामने आई है। विभाग इस पर नजर रख रहा है। भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र अभी स्थिर होने की प्रक्रिया में है। पूरी तरह स्थिर होने का बाद अन्य कार्य किए जाएंगे। – मनोज पांडे, सहायक अभियंता, लोक निर्माण विभाग।
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काठगोदाम-हैड़ाखान मार्ग भले ही खुल गया हो मगर इस मार्ग पर चलना काफी खतरनाक साबित हो रहा है। लोक निर्माण विभाग ने जो कच्ची सड़क तैयार की है उस पर चढ़ाई पर वाहन रपटकर पीछे की ओर आ रहे हैं।
खतरा इतना कि जरा सी चूक होने पर वाहन खाई में समा सकता है। इस मार्ग पर भू-धंसाव भी शुरू हो गया है। पहाड़ी से भी रुक-रुककर मलबा गिर रहा है। 120 गांवों की 50,000 की आबादी की लाइफ लाइन कहा जाने वाला काठगोदाम-हैड़ाखान मार्ग भूस्खलन प्रभावित स्थल पर खतरों से भरा है।
मार्ग पर धंसाव वाली जगह पर बीते दिनों एक वाहन अनियंत्रित होकर पलट गया था। दोपहिया वाहनों के लिए चढ़ाई पार करना मुश्किल हो रहा है। शनिवार को भी ऐसा ही कुछ देखने को मिला। प्रभावित स्थल पर बाइक पर सवार दो लोग चढ़ाई पार करने की कोशिश कर रहे थे।
इसी दौरान चढ़ाई पर बाइक बंद हो गई और सड़क पर करीब 20 फीट तक नीचे की ओर रपटती गई। किसी तरह बाइक सवार ने वाहन को गिरने से रोका। स्कूटी सवार दो लोगों ने भी किसी तरह स्कूटी आगे निकाली। चौपहिया वाहनों को भी उबड़-खाबड़ चढ़ाई में काफी मशक्कत करनी पड़ रही है और उनके पीछे रपटने का खतरा बना हुआ है।