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मकर संक्रांति पर इन उपायों से करें सूर्य ग्रह मजबूत
– फोटो : amar ujala
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दक्षिणायन से उत्तरायण होने पर मकर संक्रांति का पर्व मनाया जाता है। काशी विद्वत परिषद का कहना है कि यह धारणा पूरी तरह से भ्रामक है कि मकर संक्रांति 14 जनवरी को आती है। ज्योतिषाचार्यों की मानें तो अब 2080 तक मकर संक्रांति 15 जनवरी को ही मनाई जाएगी।
आचार्य दैवज्ञ कृष्ण शास्त्री ने बताया कि 14 जनवरी को सूर्य धनु राशि से रात 3.02 मिनट पर मकर राशि में प्रवेश करेंगे। पर्व पर ग्रह नक्षत्र एवं ग्रह बाधाओं से मुक्ति मिल सकती है।
मेष- लाल पुष्प, हल्दी, तिल मिलाकर अर्घ्य देें। तिल-गुड़ व मूंग का दान करें।
वृष- सफेद चंदन, दुग्ध, श्वेत पुष्प, तिल मिलाकर अर्घ्य दें। तिल-गुड़ का दान करें
मिथुन- तिल, दूर्वा और पुष्प मिलाकर अर्घ्य दें, मूंग की दाल की खिचड़ी का दान करें।
कर्क- चावल, मिश्री और तिल मिलाकर अर्घ्य दें, तिल और चावल का दान करें
सिंह- कुमकुम, लाल, पुष्प और तिल मिलाकर अर्घ्य दें, तिल, गुड़ व गेहूं का दान करें
कन्या- दूर्वा, तिल, पुष्प डालकर जल दें, मूंग के दाल की खिचड़ी का दान करें
तुला- सफेद चंदन, दूध, अक्षत और तिल मिलाकर जल दें, चावल और तिल का दान करें
वृश्चिक- जल में कुमकुम, लाल पुष्प और तिल मिलाकर अर्घ्य दें, गुड़ और काले तिल का दान करें।
धनु- हल्दी, केसर, पीले फूल, और तिल मिलाकर जल दें, हरी सब्जियों का दान करें
मकर- नीले पुष्प और तिल मिलाकर अर्घ्य दें। जरूरतमंदों को भोजन कराएं और ऊनी वस्त्र का दान करें
कुंभ- नीले पुष्प, काली उड़द, सरसों का तेल और काला तिल मिलाकर अर्घ्य दें, काले कंबल का दान करें
मीन- जल में हल्दी, केसर, पीले पुष्प और तिल मिलाकर अर्घ्य दें, काले सरसों और केसर का दान करें।
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