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दरभंगा. आज से करीब 450 साल पहले मिथिला नरेश हेमांगद ठाकुर ने अपनी विलक्षण गणना के आधार पर जो चंद्र और सूर्य ग्रहण (Surya Grahan) की तिथियां निर्धारित की थी वो आज तक अक्षरस: सही साबित हो रही है. मिथिला नरेश हेमांगद ठाकुर लिखित ‘ग्रहणमाला’ में 1088 साल के चंद्र और सूर्य ग्रहण की तारीख और समय का उल्लेख है. अगले 700 साल तक लगनेवाले सभी प्रकार के ग्रहणों की जानकारी इस पुस्तक में मिलती है. इस पुस्तक की पांडूलिपि महाराजा कामेश्वर सिंह संस्कृत विश्वविद्यालय के पास थी, जो कुछ वर्ष पहले चोरी हो चुकी है. वैसे 1983 में ही विश्वविद्यालय ने इस पुस्तक का प्रकाशन किया था, जो विभिन्न पुस्तकालयों में मौजूद है. भारत के विद्वान इस पुस्तक को एक बड़ी उपलब्धि मानते हैं.
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