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जस्टिस एस रवींद्र भट ने असहमति जताते हुए इसे अंसवैधानिक करार दिया.
नई दिल्ली:
EWS के दस फीसदी आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट की मुहर लग गई है संविधान पीठ ने बहुमत से इसे संवैधानिक और वैध करार दिया है.
मामले से जुड़ी अहम जानकारियां :
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सुप्रीम कोर्ट ने आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों (EWS) को 10 प्रतिशत आरक्षण को बरकरार रखने का फैसला सुनाया है.
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इस मामले में कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा कि EWS कोटे से संविधान के बुनियादी ढांचे का उल्लंघन नहीं हुआ.
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जस्टिस दिनेश माहेश्वरी, जस्टिस बेला एम त्रिवेदी और जस्टिस जेबी पारदीवाला ने दिया बहुमत का फैसला. जबकि जस्टिस एस रवींद्र भट और सीजेआई यूयू ललित ने असहमति जताते हुए इसे अंसवैधानिक करार दिया.
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सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ईडब्ल्यूएस कोटा सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों के लिए 50% कोटा को बाधित नहीं करता है.
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कोर्ट ने कहा कि ईडब्ल्यूएस नागरिकों की उन्नति के लिए सकारात्मक कार्रवाई के रूप में संशोधन की आवश्यकता है. असमानों के साथ समान व्यवहार नहीं किया जा सकता.
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