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ताजनगरी आगरा के दयालबाग क्षेत्र में अवैध कब्जा हटाने गई पुलिस-प्रशासन की टीम पर सत्संगियों ने हमला कर दिया। सत्संगी लाठी-डंडे लेकर पुलिस के सामने आ गए और कुछ ने पथराव कर दिया। इससे मौके पर भगदड़ मच गई। लोग अपनी जान बचाकर भागने लगे। सत्संगी बुरी तरह से पुलिस टीम पर टूट पड़े। पुलिस जब तक बल प्रयोग करती तब तक सत्संगी लाठियां बरसानी शुरू कर चुके थे। सत्संगियों के हमले में एसओ जगदीशपुरा जितेंद्र कुमार सहित कई पुलिसकर्मी घायल हो गए है। इसके बाद से इलाके में तनाव बरकरार है। इस घटना ने एक बार फिर 2 जून 2016 में हुए मथुरा के जवाहर बाग कांड की दर्दनाक यादें ताजा कर दी है। आइए जानते हैं कैसे दोनों घटनाएं एक दूसरे से मिलती-जुलती हैं।
रामवृक्ष यादव ने मथुरा के जवाहर बाग में कर रखा था कब्जा
जवाहर बाग कांड का मुख्य आरोपी रामवृक्ष यादव गाजीपुर के गांव बाघपुर का रहने वाला था। रामवृक्ष यादव ने 2013 में स्वाधीन भारत विधिक सत्याग्रह संगठन का गठन किया था। 11 जनवरी 2014 को मध्यप्रदेश के सागर जिले से सत्याग्रह यात्रा शुरू की थी। रामवृक्ष यादव फरवरी 2014 में मथुरा पहुंचा और जवाहरबाग में दाखिल हुआ। यहां उसने 280 एकड़ के जवाहर बाग पर कब्जा कर लिया था। जब अफसर जवाहर बाग को खाली कराने पहुंचे तो रामवृक्ष और उसके गुर्गों ने अफसरों को बंधक बनाया था। जवाहर बाग में उद्यान विभाग के कार्यालय पर भी कब्जा कर लिया था।
दयालबाग में भी राधास्वामी सत्संग सभा द्वारा खेतों-चकरोड पर कब्जे का मामला
कुछ इसी तरह आगरा के दयालबाग में खेतों, चकरोड पर कब्जा करने के मामले में राधास्वामी सत्संग सभा के खिलाफ 113 साल में पहली बार प्रशासन का बुलडोजर चला है। सत्संग सभा ने 1949 से लेकर अब तक हर बार जमीन के विवाद में प्रशासन को उनके खेतों पर फटकने नहीं दिया। पहली बार 6 गेटों के टूटने के साथ सत्संगियों का गुरूर भी टूटा है।
कब्जा खाली करने के दौरान जल उठा था जवाहर बाग
1 जून 2016 को जवाहरबाग खाली कराने के लिए प्रशासन ने प्लान बनाया था। 2 जून 2016 को जवाहरबाग खाली कराने तत्कालीन एसपी सिटी मुकुल द्विवेदी पहुंचे थे। 2 जून 2016 को हुई इस हिंसा में दो पुलिस अधिकारियों समेत 29 लोगों की मौत हो गई थी। इसके बाद पुलिस-प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए जवाहरबाग हिंसा में 101 लोगों को जेल भेजा था।
अवैध कब्जा हटाने गई पुलिस-प्रशासन की टीम पर सत्संगियों ने हमला कर दिया। सत्संगी लाठी-डंडे लेकर पुलिस के सामने आ गए और कुछ ने पथराव कर दिया। इससे मौके पर भगदड़ मच गई। लोग अपनी जान बचाकर भागने लगे। सत्संगी बुरी तरह से पुलिस टीम पर टूट पड़े। वहीं पुलिस ने कार्रवाई करते हुए महज एक सप्ताह में राधास्वामी सत्संग सभा के खिलाफ 3 एफआईआर हुई हैं। वहीं सत्संग सभा के अध्यक्ष और दो उपाध्यक्ष के खिलाफ भूमाफिया घोषित करने की सिफारिश तहसील से की जा चुकी है। शनिवार को दर्ज कराई गई एफआईआर में भी सत्संग सभा के कार्यों को भूमाफिया प्रकृति का बताया गया है।
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