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स्वास्थ्य मंत्री डॉ. कर्नल धनीराम शांडिल
– फोटो : अमर उजाला
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स्वास्थ्य मंत्री धनीराम शांडिल ने कहा कि कोरोना काल में रखे गए आउटसोर्स कर्मियों को उनकी शैक्षणिक योग्यता और उम्र के आधार पर दोबारा कहीं न कहीं रखा जाएगा, ताकि कोरोना जैसी संकट की घड़ी में काम करने वाले कर्मचारियों के साथ अन्याय न हो। स्वास्थ्य विभाग से निकाले गए करीब 70 फीसदी आउटसोर्स कर्मचारियों को दोबारा उनकी योग्यता के हिसाब से रखा जाएगा। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि प्रदेश के दोनों बड़े संस्थानों आईजीएमसी शिमला और मेडिकल कॉलेज टांडा में अगले दो माह में आधुनिक सीटी स्कैन और एमआर मशीनें लगाई जाएंगी।
इसके अलावा 200 डाॅक्टरों और 700 स्टाफ नर्सों की भी जल्द नियुक्ति होगी। प्रदेश में हर व्यक्ति को किसी न किसी योजना के साथ जोड़ा जाएगा। लोगों के आभा आईडी कार्ड बनाए जा रहे हैं और इन्हें पूरी तरह से डिजिटल रखा जाएगा। शांडिल ने कहा कि पहली बार प्रदेश में प्राकृतिक आपका आई है। प्रभावितों की मदद के लिए सरकार ने विशेष राहत पैकेज दिया है। केंद्र सरकार को चाहिए कि आपदा को राष्ट्रीय आपदा घोषित किया जाए। इस मौके पर विधायक सुधीर शर्मा और डीसी डॉ. निपुण जिंदल मौजूद रहे।
स्वास्थ्य मंत्री कर्नल धनीराम शांडिल ने कहा कि खड्डों और नालों के चैनलाइजेशन के लिए उपयुक्त कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने आपदा प्रभावित क्षेत्रों में राहत और पुनर्वास कार्यों की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। उन्होंने कहा कि अब विधायक क्षेत्र में विकास निधि में आपदा प्रभावित परिवारों को घरों के लिए रिटेनिंग वॉल और नालों के तटीकरण का प्रावधान किया गया है। उपायुक्त डॉ. निपुण जिंदल ने बताया कि कांगड़ा में प्रभावितों को कुल 5,93,07,815 रुपये की आर्थिक सहायता सरकार की ओर से अब तक उपलब्ध करवाई है।
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