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सिंदूर खेला के दौरान एक-दूसरे को सिंदूर लगातीं महिलाएं
– फोटो : अमर उजाला
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बिहार के बोधगया के धनावां स्थित 29वीं वाहिनी सशस्त्र सीमा बल मुख्यालय में बड़े ही धूमधाम के साथ मां दुर्गा की पूजा अर्चना की गई। इस मौके पर सशस्त्र सीमा बल के डीआईजी छेरिंग दोरजे, कमांडेंट एचके गुप्ता, सहित अधिकारियों जवानों और उनके परिजनों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। ये सभी लोग अपने पुराने परंपरागत रीति-रिवाज को आज भी कायम रखे हुए नवरात्र के मौके पर मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित करते हैं। विजयादशमी के दिन खोइन्छा देकर मां को यहां से विदा किया जाता है। मंगलवार को विजयादशमी के दिन मां की विदाई के समय महिलाओं ने सिंदूर होली कार्यक्रम का आयोजन किया। जहां मां की आरती करने के बाद महिलाओं ने सिंदूर की होली खेली।
जानकारी के मुताबिक, महिलाओं ने अपने सुहाग की रक्षा के लिए मां के साथ-साथ आपस में सिंदूर की होली खेली। यह परंपरा 29वीं वाहिनी सशस्त्र सीमा बल मुख्यालय में मंगलवार को देखने को मिली। साथ ही महिलाएं हाथ जोड़कर मां से अपने सुहाग की रक्षा करने की प्रार्थना भी करतीं भी देखी गईं।
इस मौके पर 29वीं वाहिनी सशस्त्र सीमा बल के कमांडेंट हरे कृष्ण गुप्ता ने बताया कि इस तरह का कार्यक्रम द्वितीय वर्ष 29वीं वाहिनी सशस्त्र सीमा बल मुख्यालय में किया गया है। इस कार्यक्रम को लेकर सेक्टर और वाहिनी के लोगों में काफी उत्साह देखा गया है। उन्होंने बताया कि आज महिलाओं के द्वारा सिंदूर की होली भी खेली गई है। विसर्जन से पहले पंडालों में सिंदूर खेला के दौरान पूरा माहौल सिंदूरमयी हो गया। मान्यता है कि ऐसा करने से पति की उम्र लंबी होती है। मां दुर्गा को पान के पत्ते में सिंदूर लगाने के बाद मिठाई खिलाते समय श्रद्धालुओं की आंखें नम हो गईं। फिर धुनुची नृत्य का आयोजन किया गया।
क्या है धुनुची नृत्य का महत्व?
दुर्गा पूजा के दौरान इस नृत्य की परंपरा आज से नहीं, बल्कि काफी पहले से चली आ रही है। माना जाता है कि धुनुची डांस असल में शक्ति का परिचायक है और इसका संबंध महिषासुर के वध से भी जुड़ा हुआ है। पुराणों में जिक्र है कि अति बलशाली महिषासुर का वध करने के लिए देवताओं ने मां दुर्गा की पूजा-उपासना की थी। तब मां ने महिषासुर के वध से पहले अपनी शक्ति को बढ़ाने के लिए यही धुनुची नृत्य किया था। तब से लेकर आज तक यह परंपरा जारी है।
पूजा अर्चना के बाद सभी भक्तों के लिए भंडारे का आयोजन किया गया। इस मौके पर सशस्त्र सीमा बल के डीआईजी छेरिंग दोरजी, कमांडेंट एचके गुप्ता, संजना गुप्ता, डिप्टी कमांडेंट रविशंकर, कुमारी भारती, डिप्टी कमांडेंट दूर्गा प्रसाद यादव, डिप्टी कमांडेंट वेंकट रमण, सहायक कमांडेंट राजाराम, सहायक कमांडेंट राजकुमार, एडम अधिकारी राजीव रंजन तिवारी सहित अधिकारी जवान और उनके परिजन मौजूद रहे।
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