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नैनीताल में पक्षियों का अद्भुत संसार
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
झील के लिए पहचान रखने वाले नैनीताल में पक्षियों का अनोखा संसार भी है। यहां खूबसूरत पक्षियों को कैमरे में कैद करने के लिए देश-विदेश से बर्ड वॉचर यहां पहुंचते हैं। इन गांवों में सालाना चार हजार से अधिक बर्ड वॉचर पहुंचते हैं।
पदमश्री और प्रख्यात फोटोग्राफर अनूप साह बताते हैं कि नैनीताल के पंगूट, सातताल और चांफी के जंगल बर्ड वॉचरों के पसंदीदा स्थान हैं। यहां गर्मी और जाड़ों में अलग-अलग प्रजातियों के प्रवासी पक्षी पहुंचते हैं। वह कहते हैं कि रंग-बिरंगी चिड़ियाओं के संसार को कैमरे में कैद करने का अनुभव ही अलग होता है।
बर्ड टूरिज्म विशेषज्ञ डॉ. आशीष बिष्ट बताते हैं कि बर्ड वॉचरों को सातताल का जंगल खूब भाता है। कहा कि सातताल, पंगूट और चांफी में भारत के अलावा कतर, ओमान, भूटान, यूएई, सऊदी अरब, ब्रिटेन, इजराइल आदि से भी बर्ड वॉचर पहुंचते हैं। कहा कि सरकार को बर्ड वॉचिंग को पर्यटन से जोड़ना चाहिए।
बर्ड वॉचिंग के लिए यह समय है अनुकूल
पक्षी विशेषज्ञ डा. आशीष बिष्ट बताते हैं कि बर्ड वॉचिंग के लिए अप्रैल से जून और अक्तूबर से जनवरी तक का समय अनुकूल रहता है। तराई में गर्मी या ठंड बढ़ने पर विभिन्न प्रजातियों के पक्षी सातताल से लेकर पंगूट तक पहुंचते हैं। सातताल, पंगूट और चांफी के जंगल में उतीस, पदम, तिमिल और बांज समेत कई प्रजातियों के पेड़, बैरी और किलमोड़ा जैसी कई झाड़ियां मौजूद हैं।
कहां कौन सी चिड़ियां नजर आती हैं
- सातताल: नैनीताल से 23 किलोमीटर दूर सातताल में यूरेशियन वुड काक, रूफस ब्लिड नेलटावा, रूफर्स पाटराइज, ग्रीन मैगपाई, लांगलेट ब्लाडबिल, स्कैलीथ्रस, ब्राउन फिश आउल, ब्राउन वुड आउल, खलीज फिजेंट, रेड जंगल फाउल, एशियन पैराडाइज फ्लाइकैचर बर्ड दिखती हैं।
- चांफी : नैनीताल से लगभग 24 किलोमीटर दूर खुटानी-लोहाघाट मार्ग पर स्थित है चांफी में ब्राउन डिप्पर, लिटिल फाक्टेल, स्पाटेड फाक्टेल, टोनी फिश आउल प्रजाति की चिड़ियों को देखा जा सकता है।
- पंगूट : नैनीताल से लगभग 15 किलोमीटर दूर पंगूट में चीर फीजेंट और कोकलाज के दीदार बर्ड वॉचरों को होते हैं।
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