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प्रतीकात्मक तस्वीर
– फोटो : istock
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उत्तर प्रदेश के सभी सरकारी अस्पतालों में सिप्लाक्सिन कैप्सूल के वितरण पर पाबंदी लगा दी गई है। इस कैप्सूल में आजमगढ में जांच के दौरान मिस ब्रांडिंग पाई गई है। इसके बाद सभी अस्पतालों से संबंधित कंपनी को दवा वापस मंगाने का निर्देश दिया गया है।
प्रदेश के सभी सरकारी अस्पतालों में बड़ी मात्रा में सिप्लाक्सिन कैप्सूल की सप्लाई की गई थी। यह संक्रमण रोकने की दवा है। आजमगढ़ में जांच के दौरान पाया गया कि अस्पतालों में सप्लाई की गई सिप्लाक्सिन कैप्सूल में कमियां हैं। इसे मिस ब्रांडिंग की श्रेणी में माना गया है।
कंपनी ने कैप्सूल आपूर्ति के समय जिस तरह की लेबलिंग व लिखावट होने का दावा किया था, वह नहीं है। ऐेसे में पूरे प्रदेश में इसका वितरण रोक दिया गया है।
स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा ने बताया कि इसकी गुणवत्ता में कोई कमी नहीं पाई गई है। मिस ब्रांडिंग होने पर कंपनी को वापस मंगाने के लिए कहा गया है। इसके वितरण पर रोक लगा दी गई है। यह रूटीन प्रक्रिया के तहत किया गया है।
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