सफला एकादशी व्रत कथा को बिना पढ़ें अधूरी मानी जाती है पूजा, यहां जानिए पूरी खासियत

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Saphala Ekadashi Vrat Katha: धार्मिक कथा के अनुसार चम्पावती नगरी में महिष्मान नामक एक राजा राज्य करता था. उस राजा के चार पुत्र थे. उसका बड़ा पुत्र का नाम लुम्पक था. वह बहुत ही दुष्ट और पापी था. वह हमेशा स्त्री या फिर वेश्याओं के यहां जाकर अपने पिता का धन व्यय किया करता था. देवता, ब्राह्मण, वैष्णव आदि सुपात्रों की निंदा करके वह अति प्रसन्न्न होता था. एक दिन किसी तरह से राजा महिष्मान को लुम्पक के कुकर्मों का पता चल गया. राजा अपने पुत्र के बारे में सुनकर अत्यधिक क्रोधित हुआ और लुम्पक को अपने राज्य से निकाल दिया, इसके बाद लुम्पक को किसी ने सहारा नहीं दिया और सभी ने त्याग दिया. एक दिन उसने रात्रि को पिता के राज्य में चोरी करने की ठानी.

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