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                        रेणुका सिंह ठाकुर
                                    – फोटो : अमर उजाला 
                    
विस्तार
                                
पिता का सपना पूरा करने के लिए गांव के मैदान में लड़कों के साथ क्रिकेट खेलने वाली हिमाचल प्रदेश के शिमला जिले के रोहड़ू पारसा गांव की रेणुका सिंह ठाकुर आज हिमाचल के हर युवा के लिए प्रेरणा बनी हैं। तीन साल की उम्र में रेणुका के पिता का देहांत हो गया था। पिता चाहते थे कि उनकी बेटी और बेटा भारत के लिए क्रिकेट खेलें। सिर से पिता का साया छिन जाने के बाद परिवार की पूरी जिम्मेदारी मां के कंधों पर आ गई। मां ने आईपीएच में चतुर्थ श्रेणी के पद पर सेवाएं देकर घर चलाने के साथ बेटी के क्रिकेट के जुनून को कम नहीं होने दिया।
गांव के मैदान में रेणुका लड़कों को खेलते हुए देखती थी। एक दिन उससे रहा नहीं गया और मैदान में पहुंच कर लड़कों से कहा कि वह भी क्रिकेट खेलेंगी। इसी बीच 2009 में एचपीसीए ने धर्मशाला में अकादमी शुरू की, तब रेणुका महज 14 साल की थी। अकादमी के लिए ट्रायल दिया और वह चुन ली गईं। यहीं से रेणुका का क्रिकेटर बनने का सपना साकार होना शुरू हुआ। नियमित अभ्यास और खेल में अच्छे प्रदर्शन के चलते 2019 में रेणुका का चयन भारतीय महिला की ए टीम के लिए हुआ। 2021 में रेणुका का चयन आस्ट्रेलिया दौरे के लिए भारत की सीनियर महिला टीम में हुआ।
भारत के लिए टेस्ट खेलने वाली हिमाचल की पहली क्रिकेटर
1996 को रोहड़ू के पारसा गांव में जन्मीं रेणुका ठाकुर भारत के लिए टेस्ट मैच खेलने वाली हिमाचल की पहली क्रिकेटर हैं। उन्होंने 14 दिसंबर 2023 को नवी मुंबई के डीवाई पाटिल क्रिकेट स्टेडियम में हुए भारत और इंग्लैंड के मुकाबले में रेणुका सिंह ने टेस्ट में डेब्यू किया। अब तक दो टेस्ट खेल चुकी हैं। रेणुका सिंह ठाकुर ने 18 फरवरी 2022 को न्यूजीलैंड के खिलाफ पहला एक दिवसीय मैच खेला। इसके बाद अब तक 10 अंतरराष्ट्रीय एक दिवसीय मैच खेल चुकी हैं। जिसमें उन्होंने 20.31 की औसत से गेंदबाजी करते हुए 18 विकेट चटकाए। रेणुका ने टी-20 में सात अक्तूबर 2021 को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ डेब्यू किया था। रेणुका ने अब तक 38 टी-20 मैच खेले हैं, जिसमें उन्होंने 22.66 की औसत से 39 विकेट हासिल किए हैं। कॉमनवेल्थ गेम 2022 में रेणुका सिंह सबसे अधिक 11 विकेट लेकर टॉप पर रही थीं।
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