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लोजपा रामविलास प्रमुख चिराग पासवान
– फोटो : अमर उजाला
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रामचरित मानस को लेकर विवादित बयान देने वाले प्रो. चंद्रशेखर को शिक्षा मंत्री पद से हटाकर आलोक मेहता को शिक्षा मंत्री बनाया गया है। इसे लेकर हाजीपुर में चिराग पासवान ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर कटाक्ष किया। उन्होंने कहा कि जिस तरीके से विवादित बयान देकर समाज में भेदभाव की भावना प्रकट कर रहे थे। उन्होंने कहा कि शिक्षा मंत्री की एक जिम्मेवारी होती है कि आने वाले समय में शिक्षा की नींव को इतना मजबूत करें कि जात, धर्म और मजहब से ऊपर उठकर, एकता का भाव लेकर अपने प्रदेश के लोगों को साथ लेकर चलने का वह कार्य करें।
‘वैसे मंत्री पर पहले ही कठोर कार्रवाई होनी चाहिए थी’
चिराग पासवान ने कहा लेकिन यह मंत्री महोदय ने जिस तरीके से एक भारी आबादी की भावना को भड़काने का काम किया है। समाज में भेदभाव की भावना को उत्पन्न करने का काम किया है। ऐसे में वैसे मंत्री पर पहले ही बड़ी कठोर कार्रवाई हो जानी चाहिए थी। लेकिन अब उन्हें शिक्षा मंत्री पद से हटाया गया है, जो इतनी देर में कार्रवाई होगी तो यह संदेश नहीं जा सकता है। वे निरंतरता में विवादित बयान देते आए हैं।
‘राम मंदिर को मुद्दा बना रहा है विपक्ष’
दरअसल, लोक जनशक्ति पार्टी रामविलास के राष्ट्रीय अध्यक्ष और जमुई सांसद चिराग पासवान अपने चाचा पशुपति पारस के संसदीय क्षेत्र हाजीपुर के पहेतीया में श्राद्ध कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे थे। यहां मीडिया कर्मियों ने उनसे शिक्षा मंत्री बदले जाने को लेकर सवाल किया। उसके जवाब में चिराग नीतीश कुमार पर हमलावर दिखे। इस दौरान उन्होंने कहा कि अयोध्या में 22 जनवरी को रामलाल की प्राण प्रतिष्ठा है। उसमें शामिल होने अवश्य जाऊंगा और बड़ा ही भाग्यशाली हूं। विपक्ष के द्वारा राम मंदिर को मुद्दा बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस कलयुग में त्रेता युग का नया अध्याय शुरू होगा।
कौन कौन मंत्री बदले गए, किसे मिला महत्व
दरअसल, शनिवार को राज्य सरकार के जिन तीन मंत्रियों के विभागों का उलटफेर या संशोधन हुआ, वह लालू प्रसाद यादव की पार्टी राजद के हैं। इनमें दो मंत्रियों को पहले के मुकाबले ज्यादा महत्व मिला है। आलोक मेहता राजद के मंत्रियों में सबसे ज्यादा शिक्षित और सभ्य माने जाते हैं। उन्हें शिक्षा विभाग की जिम्मेदारी दी गई है। निश्चित तौर पर बिहार में शिक्षा विभाग मिलना आज की तारीख में प्रोन्नति है। ललित कुमार यादव के पास पीएचईडी की जिम्मेदारी पहले से थी, उन्हें बड़े विभाग राजस्व एवं भूमि सुधार की जिम्मेदारी दी गई है। यह भी प्रोन्नति ही कही जाएगी। दो महत्वपूर्ण विभाग इनके पास हैं अब।
वहीं, प्रो. चंद्रशेखर को मंत्रीपद पर तो कायम रखा गया है, लेकिन उन्हें गन्ना उद्योग विभाग सौंप दिया गया है। माना जा रहा है कि चंद्रशेखर अपने विभागीय अपर मुख्य सचिव केके पाठक से झंझट कर फंस गए। सीएम इन्हें समझा भी चुके थे। नवंबर में शिक्षक नियुक्ति पत्र वितरण समारोह में जिस तरह से नीतीश कुमार ने पाठक को महत्व दिया था, फिर भी चंद्रशेखर सहज नहीं हो सके थे। दोनों में टकराव या असहयोग की स्थिति कायम थी।
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