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मौलाना मुफ्ती असद कासमी
– फोटो : अमर उजाला
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प्रसिद्ध मुस्लिम स्कॉलर व पूर्व में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के मुस्लिम राष्ट्रीय मंच से जुड़े रहे मुफ्ती वजाहत कासमी ने कहा कि ज्ञानवापी मस्जिद पर कोर्ट का जो आदेश आया है, उस पर दोनों भाई (हिंदू-मुस्लिम पक्ष) मिलकर दुनिया को यह पैगाम दें कि हम एक ही छत के नीचे पूजा भी करेंगे और नमाज भी अदा करेंगे। यही इस मुल्क की खूबसूरती है।
बुधवार को दारुल उलूम वक्फ स्थित शेखुल हिंद कॉलोनी पहुंचे मुफ्ती वजाहत कासमी ने बातचीत में कहा कि ज्ञानवापी मस्जिद के मुद्दे पर बैठकर बातचीत से इसका हल निकालना चाहिए। इसका समर्थन हम बहुत पहले से कर रहे हैं, लेकिन अभी यह मामला न्यायालय में विचाराधीन है।
इसलिए कोर्ट इस पर जो भी फैसला दे रहा है उसी को दोनों पक्षों को स्वीकार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत में जितने भी विवादित धार्मिक स्थल हैं उन सभी पर मिल बैठकर मसले का हल निकालना चाहिए। किसी एक पक्ष को सौंप देनी चाहिए यह बात एक तरफा हो जाती है।
मुफ्ती वजाहत कासमी ने कहा कि हमारा मुल्क बहुत ही शानदार है। यहां की मिट्टी में अल्लाह ताआला ने बहुत ही अजीबो गरीब मोहब्बत और अपनापन रखा है। उन्होंने कहा कि कोर्ट का जो आदेश आया है उस पर दोनों भाई (हिंदू-मुस्लिम पक्ष) मिलकर मोहब्बत और अच्छे तरीके से मुल्क और दुनिया को यह पैगाम दें की हम वहां पूजा भी कर रहे हैं और नमाज भी पढ़ रहे हैं।
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