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जीतन राम मांझी ने अपने पोस्ट में लिखा, “मेरे लिए कोई सत्ता की कुर्सी मायने नहीं रखती। बस ग़रीबों,मज़लूमो,दबे-कुचलों के हक़ और हक़कूक की आवाज उठती रहे उनका काम हो यही काफी है। मैं ग़रीब ज़रूर हूं पर कुर्सी के लालच में किसी को धोखा नहीं दे सकता।”
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