Himachal: हिमाचल के 17 युवा बने सेना में अफसर, वतन पर मर मिटने ली शपथ

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देहरादून स्थित इंडियन मिलिट्री एकेडमी (आईएमए) से कड़ा सैन्य प्रशिक्षण पूरा कर वतन पर मर मिटने की शपथ लेकर 314 युवा अफसर शनिवार को भारतीय थलसेना का अभिन्न अंग बन गए हैं। इनमें हिमाचल के 17 और सैनिक बहुल प्रदेश उत्तराखंड के 29 युवा भी शामिल हैं। जबकि सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश के 51 कैडेट्स पास आउट हुए हैं। वहीं, 11 मित्र देशों के 30 जेंटलमैन कैडेट्स भी अकादमी से पास आउट होकर अपने-अपने देश की सेना में शामिल हो गए हैं। शनिवार को आईएमए में हुई पासिंग आउट परेड में देश-विदेश के 344 जेंटलमैन कैडेट्स ने शिरकत की। इसके बाद सैन्य अकादमी के इतिहास में देश-विदेश की सेना को 64 हजार 489 युवा सैन्य अधिकारी देने का गौरव जुड़ गया है। इनमें मित्र देशों की सेना को मिले 2843 सैन्य अधिकारी भी शामिल हैं।

शनिवार सुबह आईएमए के ड्रिल स्क्वायर पर आयोजित 151वें रेगुलर कोर्स व समानांतर कोर्सों की दीक्षांत परेड (पीओपी) में 344 नौजवानों ने कदमताल की। पासिंग आउट कोर्स के हरफनमौला जेंटलमैन कैडेट पवन कुमार को प्रतिष्ठित सोर्ड ऑफ ऑनर और ऑर्डर ऑफ मेरिट में प्रथम स्थान प्राप्त करने पर गोल्ड मेडल से नवाजा गया। वह बिहार के औरंगाबाद के रहने वाले हैं। इससे पहले सेना की मध्य कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ ले. जनरल योगेंद्र डिमरी ने बतौर निरीक्षण अधिकारी अकादमी के समादेशक ले. जनरल वीके मिश्रा व परेड कमांडर पवन कुमार के साथ परेड का निरीक्षण कर सलामी ली। उन्होंने सेना की मुख्यधार में शामिल हो रहे युवा अफसरों को शुभकामनाएं दीं।

परेड के बाद निजाम पवेलियन में आयोजित पीपिंग व ओथ सेरेमनी में शिरकत करने के बाद सभी युवा बतौर लेफ्टिनेंट अपने-अपने देश की सेना का अभिन्न अंग बन गए। परेड के दौरान रिव्यूइंग ऑफिसर ने आईएमए में सैन्य प्रशिक्षण के दौरान श्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले जेंटलमैन कैडेट्स को स्वर्ण, रजत व कांस्य पदक प्रदान किए। नेपाल के कैडेट अश्विन सिगदल को श्रेष्ठ विदेशी कैडेट (बांग्लादेश मेडल) का पुरस्कार दिया गया। चैंपियन कंपनी जोजिला को चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ बैनर प्रदान किया गया। इस मौके पर डिप्टी कमांडेंट मेजर जनरल आलोक जोशी, रिटायर ले. जनरल टीपीएस रावत, दून के मेयर सुनील उनियाल गामा समेत सेना के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।

जगनोली के मनीष कुमार बने सेना में ऑफिसर

 ग्राम पंचायत जगनोली के मनीष कुमार ने सेना में लेफ्टिनेंट ऑफिसर बनकर क्षेत्र का नाम रोशन किया है। मुनीष कुमार 2014 में बतौर सिपाही सेना में नियुक्त हुए थे। सेना में कमीशन पास करने के बाद चार साल देहरादून में लेफ्टिनेंट की ट्रेनिंग लेने के बाद उनकी नियुक्ति सेना में 11 जाट रेजिमेंट में अयोध्या कैंट में हुई है। उनकी प्रारंभिक शिक्षा आदर्श मॉडल हाई स्कूल चाट्टा मेंऔर बारहवीं कॉमरेड राम चंद्र स्कूल रैहन में हुई है। इनके पिता सूबेदार मदन लाल सेना से सेवानिवृत्त हुए हैं, जबकि माता गृहिणी हैं।

घुमारवीं के कसोहल गांव के अभिषेक चौहान बने सेना में लेफ्टिनेंट

घुमारवीं के कसोहल के अभिषेक चौहान 21 साल की उम्र में भारतीय सेना में लेफ्टिनेट बने हैं। अभिषेक चौहान ने अपनी शुरूआती पढ़ाई डीएवी घुमारवीं से पूरी की। आठवीं तक की पढ़ाई पूरी करने के बाद वो आगे की पढ़ाई के लिए देहरादून चले गए। वहां पर आरआईएमसी देहरादून से 12वीं तक की पढ़ाई पूरी की। उसके बाद वो आगे की पढ़ाई के लिए पूणे गए और वहां से ग्रेजुएट हुए। वहीं शनिवार को अभिषेक आरआईएमसी देहरादून से पास आउट हुए। इस मौके पर उनके साथ उनके माता-पिता और दादा, नाना मौजूद रहे। अब जाकर वो भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट बने हैं। अभिषेक के पिता अनिल चौहान घुमारवीं में दुकान करते हैं। वहीं, माता अंजु चौहान निजी स्कूल में अध्यापिका हैं। उनके दादा धर्म सिंह चौहान नेहरू युवा केंद्र से सेवानिवृत्त उप निदेशक हैं।

दादा ऑनरेरी कैप्टन, अब पोता बना सेना में लेफ्टिनेंट

 इंडियन मिलिट्री अकादमी देहरादून में शनिवार को हुई पासिंग आउट परेड में गांव पलियार, तहसील खुंडियां के अंकित राणा भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट बन गए हैं।  मध्य वर्गीय परिवार से ताल्लुक रखने वाले अंकित के पिता देहरादून में मेकेनिक हैं और माता गृहिणी हैं। इनकी पढ़ाई भी देहरादून से ही हुई है। इनके दादा भी सेना से ऑनरेरी कैप्टन के पद से रिटायर हुए थे और भाई आईआईटी धनबाद से एमबीए करके मल्टीनेशनल कंपनी में कार्यरत है। अंकित की उपलब्धि ने पूरे खुंडियां क्षेत्र का नाम रोशन किया है। इस उपलब्धि का श्रेय अंकित ने अपने परिजनों और अध्यापकों को दिया है। पूर्व सैनिक संगठन खुंडियां के अध्यक्ष रिटायर्ड कर्नल एमएस राणा और पंचायत प्रधान सूबेदार दलीप सिंह ने बताया कि अंकित के घर पहुंचने पर इलाकावासी भव्य स्वागत की तैयारी कर रहे हैं।

कोठारा के अंशुल भारतीय सेना में बने लेफ्टिनेंट 

 देहरा तहसील के गांव कोठार के अंशुल ठाकुर सेना में बतौर लेफ्टिनेंट सेवाएं देंगे। अंशुल ने प्रारंभिक शिक्षा जीएवी पब्लिक स्कूल कांगड़ा और सैनिक स्कूल सुजानपुर टीहरा से बारहवीं तक की पढ़ाई पूरी की है। अंशुल ने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता और अध्यापकों को दिया है। उन्होंने बताया कि दादा  कर्नल राजेंद्र गुलेरिया से विशेष मार्गदर्शन प्राप्त हुआ। अंशुल के पिता विनोद ठाकुर और माता श्रेष्ठा ने बताया कि अंशुल बचपन से ही होनहार छात्र रहा है। 



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