रंजीत ने तीन साल का वीजा खत्म होने से पहले भारत लौटने के लिए कंपनी से बात की तो नौकरी से हटाकर भगा दिया गया। अब वह सड़क पर सोने को मजबूर है। खोने को लाले पड़े हैं। परिवार वालों ने भारत सरकार से मदद की गुहार लगाई है।
सऊदी अरब में कंपनी ने नहीं लौटाया रंजीत का पासपोर्ट। – फोटो : अमर उजाला
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तीन साल तक जिस कंपनी को अपना समझ अपने घर-परिवार को छोड़े सऊदी अरब में काम करता रहा, अब उसी कंपनी ने रंजीत का जीवन संकट में डाल दिया है। सीवान के बलेथा पक्वलिया निवासी चंद्रमा सिंह के बेटे रंजीत ने तीन साल का वीजा खत्म होने से पहले भारत लौटने के लिए कंपनी से बात की तो नौकरी से हटाकर भगा दिया गया। अब वह सड़क पर सोने को मजबूर है। खोने को लाले पड़े हैं। परिवार वालों ने भारत सरकार से मदद की गुहार लगाई है। पासपोर्ट नहीं मिलने के कारण लौटना असंभव रंजीत कुमार सिंह तीन वर्ष पहले सऊदी स्मार्ट कंस्ट्रक्शन कंपनी में वीजा लगाकर गया था, जिसका डेट लैप्स हो जाने के कारण वह घर आना चाहता था। ऐसी कंपनियां अपने यहां दूसरे देशों से काम करने के लिए आने वालों का पासपोर्ट अपने पास रख लेती हैं और सर्विस का समय पूरा होने पर देती हैं। जिन कंपनियों की नीयत सही नहीं होती या जो कर्मचारी कंपनियों से रिश्ता ठीक नहीं रख पाते, उन्हें यह परेशान करती हैं। रंजीत के साथ यही हुआ। अंतिम समय में जब उसने जाने की बात की तो काम से निकाल दिया गया और पासपोर्ट भी नहीं लौटाया गया।
सावधान! रंजीत के साथ कुछ नया नहीं हुआ
रंजीत की पत्नी ने बताया कि सऊदी अरब में वीजा खत्म होने पर रंजीत फंस गया है। इंडियन एम्बेसी जाने पर पता चला कि रंजीत को ब्लॉक कर दिया गया है। अब परिवार वालों ने भारत सरकार के विदेश मंत्रालय से मदद के लिए गुहार लगाई है। वैसे यह पहला मामला नहीं है। सीवान से भारी संख्या में लोग सऊदी अरब जाकर कमाते हैं। इनमें से कई लोग वहां जाकर ऐसे ही किसी कारण से फंस जाते हैं। ज्यादातर एजेंट भारत से भेजते समय बहलाकर मोटी रकम ले तो लेते हैं, लेकिन लौटने में सुविधा को लेकर कोई गारंटी नहीं देते हैं।
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तीन साल तक जिस कंपनी को अपना समझ अपने घर-परिवार को छोड़े सऊदी अरब में काम करता रहा, अब उसी कंपनी ने रंजीत का जीवन संकट में डाल दिया है। सीवान के बलेथा पक्वलिया निवासी चंद्रमा सिंह के बेटे रंजीत ने तीन साल का वीजा खत्म होने से पहले भारत लौटने के लिए कंपनी से बात की तो नौकरी से हटाकर भगा दिया गया। अब वह सड़क पर सोने को मजबूर है। खोने को लाले पड़े हैं। परिवार वालों ने भारत सरकार से मदद की गुहार लगाई है।
पासपोर्ट नहीं मिलने के कारण लौटना असंभव
रंजीत कुमार सिंह तीन वर्ष पहले सऊदी स्मार्ट कंस्ट्रक्शन कंपनी में वीजा लगाकर गया था, जिसका डेट लैप्स हो जाने के कारण वह घर आना चाहता था। ऐसी कंपनियां अपने यहां दूसरे देशों से काम करने के लिए आने वालों का पासपोर्ट अपने पास रख लेती हैं और सर्विस का समय पूरा होने पर देती हैं। जिन कंपनियों की नीयत सही नहीं होती या जो कर्मचारी कंपनियों से रिश्ता ठीक नहीं रख पाते, उन्हें यह परेशान करती हैं। रंजीत के साथ यही हुआ। अंतिम समय में जब उसने जाने की बात की तो काम से निकाल दिया गया और पासपोर्ट भी नहीं लौटाया गया।