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राजनीतिक दलों में हलचल है। लगातार चुनावों में मिल रही हार के बीच बहुजन समाज पार्टी नए सिरे से रणनीति बना रही है। बसपा ने मायावती की नई रणनीति पर काम शुरू कर दिया है। आइए जानते हैं क्या है बसपा की नई रणनीति?
नगर निकाय चुनाव के लिए बसपा की रणनीति समझने के लिए हमने पार्टी के एक राष्ट्रीय नेता से बात की। उन्होंने कहा, ‘पिछले चुनावों में खराब प्रदर्शन की समीक्षा हो चुकी है। इसलिए अब नई रणनीति के तहत बहन मायावती की अगुआई में आगे बढ़ेंगे।’
बसपा नेता ने आगे कहा, ‘पार्टी दलित-पिछड़े और अल्पसंख्यकों के लिए संघर्ष करती रही है और अब इन्हीं की बदौलत फिर से चुनावी मैदान में उतरेगी। इसके लिए काम शुरू हो चुका है।’
1. मुस्लिम-दलित गठजोड़: बसपा ने वापस मुसलमानों को साथ लाने का काम शुरू किया है। सूबे के बड़े मुसलमान नेताओं को पार्टी में शामिल कराया जाएगा। पार्टी में उनकी भागीदारी बढ़ाई जाएगी। दलित-मुसलमान गठजोड़ को फिर से मजबूत बनाया जाएगा।
2. बसपा से छिटके वोटर्स को वापस लाने की कोशिश: बहुजन समाज पार्टी से छिटके काडर वोटर्स को वापस लाने के लिए भी काम करेगी। इसके अलावा गैर यादव पिछड़े वोटर्स को भी बसपा से जोड़ने का भी प्रयास होगा। इसके लिए अलग-अलग जातियों के बड़े नेताओं को पार्टी में अहम पद दिया जाएगा।
3. युवाओं को जोड़ने का प्रयास: बसपा सुप्रीमो मायावती के भतीजे और राष्ट्रीय समन्वयक आकाश आनंद पार्टी को नया रूप देने की कोशिश में जुटे हैं। उनकी अगुआई में ही पार्टी दलित और पिछड़े वर्ग के युवाओं को जोड़ने का काम कर रही है। पार्टी में युवा, दलित, पिछड़े और अल्पसंख्यक वर्ग की भूमिका बढ़ाई जाएगी। तमाम दलित संगठनों को भी पार्टी से जोड़ा जाएगा।
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