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Mukhtar Ansari death
– फोटो : अमर उजाला
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मुख्तार अंसारी, अतीक अहमद, अशरफ, शहाबुद्दीन और विजय मिश्रा जैसे अपराधी भ्रष्ट राजनीति और राजनेताओं की देन हैं। ये बातें उत्तर प्रदेश के पूर्व पुलिस महानिदेशक बृजलाल ने कहीं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कल्याण सिंह की सरकार बनी तो मुख्तार अंसारी मुंबई होते हुए दिल्ली और फिर चौटाला गांव गया।
दिल्ली में मुख्तार को जावेद भाई कहा जाता था और उसके लिए शूटरों की खेप खड़ा करने वाला मुन्ना बजरंगी महफूज भाई के नाम से जाना जाता था। दिल्ली और उसके आसपास के राज्यों में मुख्तार ने जसविंदर राकी, राजवीर रमाला, मुन्ना बजरंगी, अताउर्रहमान और अफरोज जैसे बदमाशों की मदद से अपहरण और रंगदारी जैसी वारदातों से जमकर पैसा कमाया।
पूर्व डीजीपी ने कहा कि सैम ग्रुप यानी शहाबुद्दीन, अतीक अहमद और मुख्तार अंसारी की आपस में बहुत करीबी थी। तीनों अपराधी आपस में हथियारों की अदला-बदली से लेकर एक-दूसरे को अपने शूटर भी देते थे।
डेढ़ बिस्वा जमीन का विवाद पूर्वांचल में गैंगवार का आधार बना
गाजीपुर के मुड़ियार गांव में रमापति सिंह रहते थे। उनके भतीजे साधु सिंह और मकनू सिंह से डेढ़ बिस्वा जमीन को लेकर विवाद था। 24 जून 1984 को छह बेटों के पिता रमपति सिंह अपना खेत जोत रहे थे। उसी दौरान मां के उकसाने पर साधु सिंह ने अपनी 30 कैलिबर की लुगर पिस्टल से रमापति सिंह की हत्या कर दी गई।
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