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अदालत।
– फोटो : अमर उजाला।
विस्तार
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि सरकारी कर्मचारी द्वारा दिया गया इस्तीफा स्वीकृति से पहले किसी भी समय वापस लिया जा सकता है। यह आदेश न्यायमूर्ति मंजीव शुक्ला की एकल पीठ ने एटा जिले के अवागढ़ ब्लॉक के जूनियर बेसिक स्कूल मिर्जापुर में तैनात रहीं अध्यापिका पूर्णिमा सिंह की याचिका पर दिया। कोर्ट ने जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को याची की सेवा बहाली की तारीख तक की अवधि के लिए मिलने वाले वेतन की 25 प्रतिशत धनराशि चार महीने में भुगतान करने का आदेश दिया है।
वकील का कहना था कि याची जूनियर बेसिक स्कूल मिर्ज़ापुर, ब्लॉक अवागढ़, एटा में सहायक अध्यापक के रूप में तैनात थीं। याची अविवाहित थीं। स्कूल दूर होने की वजह से उन्हें आने-जाने में परेशानी होती थी। इसके लिए उन्होंने जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी एटा से अपनी तैनाती बदलने की गुहार लगाई थी। उनकी गुहार पर विचार करने के बजाय जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी के कार्यालय में तैनात क्लर्क ने एक मुद्रित पत्र और शपथ पत्र प्रदान किया और उनसे उन कागजात पर हस्ताक्षर करने के लिए कहा।
आश्वासन दिया कि अगली काउंसलिंग में ऐसे कागजात के आधार पर उनकी पोस्टिंग बदली जा सकती है। उन्होंने उस पर हस्ताक्षर किए और पांच फरवरी, 2021 को जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी के कार्यालय में जमा कर दिया। उन्हें अहसास हुआ कि उनकी ओर से प्रस्तुत पत्र व शपथ पत्र की सामग्री सहायक शिक्षक के पद से उनके इस्तीफे के समान है। इसलिए उन्होंने उसी दिन एक और आवेदन जमा करके इस्तीफा वापस ले लिया।
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