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लेसी सिंह और जदयू प्रत्याशी निवर्तमान सांसद संतोष कुशवाहा।
– फोटो : अमर उजाला डिजिटल
विस्तार
पल पल पूर्णिया का राजनीति मौसम बदल रहा है। पूर्णिया लोक सभा सीट से हर दल के नेता अपने-अपने हिसाब से वोट मांगने में जुटे हैं। चुनाव के इस दौर में पूर्णिया के चौक-चौराहों पर पुराने नेताओं की भी बातें होने लगी है। ऐसे में जदयू पूर्णिया सदर विधानसभा सीट से चार बार विधायक रहे अजीत सरकार की चर्चा होने लगी है। जदयू प्रत्याशी और निवर्तमान सांसद संतोष कुशवाहा को अचानक अजीत सरकार याद आ गये। और काफी समय बाद अब उनको श्रद्धांजलि देने पहुँच गये। श्रद्धांजलि देने के बाद जदयू ने अपना डोर टू डोर कैंपेन शुरु कर दिया। इस दौरान वह लोगों को अजीत सरकार की हत्या कांड और उसमें आरोपी बने पप्पू यादव की कहानी लोगों को सुना रहे हैं।
पप्पू यादव को बताया अजीत सरकार का हत्यारा
चुनाव प्रचार के दौरान निवर्तमान सांसद संतोष कुशवाहा ने निर्दलीय उम्मीदवार पप्पू यादव पर निशाना साधते हुए कहा कि पप्पू यादव अजीत सरकार का हत्यारा है। संतोष कुशवाहा ने कहा कि कॉमरेड विधायक अजीत सरकार जन-जन के नेता थे। उन्होंने पूर्णिया को संवारने का काम किया था। इसी जगह पर उनकी गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। उनकी हत्या के आरोपी आज ( पप्पू यादव) यहां से चुनाव लड़ रहे हैं। आज वोट मांग रहेऐसे लोगों को जनता किसी भी कीमत पर पनपने नहीं देगी। ऐसे लोगों ने पूर्णिया को तबाह करने का काम किया है। दहशत फैलाना, लूट, फिरौती, हत्या के आरोपी को पूर्णिया की जनता किसी भी सूरत में पांव नहीं जमाने देगी। आज उनकी मनसा फिर से दहशत कायम करने की है।
बिहार सरकार की मंत्री भी खूब बोली
बिहार सरकार की मंत्री लेसी सिंह ने कहा कि अजीत सरकार दूसरे के अधिकार के लिए लड़ने वाले नेता थे। ऐसे नेता को पूर्णिया से छीना गया। इसके बाद पूर्णिया से अमन चैन छिन गया। लूट, फिरौती और हत्या का दौर शुरू हो गया। बड़ी मुश्किल से करीब तीन दशक बाद शांति लौटी है, जो अब तक बरकरार है। ऐसे लोग एक बार फिर से चुनावी मैदान में हैं। वे पूर्णिया की शांति भंग करना चाहते हैं।
क्यों हो रही अजीत सरकार की चर्चा
तोष कुशवाहा ने कहा कि अजीत सरकार के कारण पूरे पूर्णिया जिले के पूंजीवादी और सामंती लोग परेशान थे। 14 जून 1998 की शाम को अजीत सरकार पूर्णिया शहर के अंदर घूम रहे थे। तभी अपराधियों ने घेरकर उन्हें भून दिया। पोस्टमोर्टम के दौरान चिकित्सकों ने बताया कि अजीत सरकार को कुल 107 गोलियां लगी थी। पुलिस के अनुसार इस हत्याकांड में पूर्णिया लोक सभा से निर्दलीय उम्मीदवार सह पूर्व सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव, राजन तिवारी और अनिल कुमार यादव को आरोपी बनाया गया था। इस मामले में पप्पू यादव को आठ साल जेल में भी बितानी पड़ी, लेकिन आखिरकार वे पटना हाईकोर्ट से बरी हो चुके हैं। पटना हाई कोर्ट ने सबूत के आभाव में सभी को बरी कर दिया।
लोगों में है चर्चा, जदयू को इतने वर्षों बाद अजीत सरकार की क्यों आई है याद
हालाँकि स्थानीय लोगों का कहना है कि आखिर इतने वर्षों बाद और वह भी चुनाव के समय ही जनता दल यूनाइटेड को अजीत सरकार की याद क्यों आई है? जनता दल यूनाइटेड ने आज से पहले अजीत सरकार को कभी याद क्यों नहीं किया?
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