Chhath Puja: चैत्र छठ का सबसे अहम दिन आज, अस्ताचलगामी सूर्य अर्घ्य देंगे श्रद्धालु; पटना में पांच खतरनाक घाट

[ad_1]

Chhath Puja: Chaitra Chhath, Arghya to the setting sun; Ganga Ghat, Patna, Traffic Route, Bihar

छठ महापर्व।
– फोटो : अमर उजाला

विस्तार


आज चैत्र छठ का तीसरा दिन है। चैत्र शुक्ल षष्ठी तिथि में आर्द्रा नक्षत्र में शाम को डूबते सूर्य को पहला अर्घ्य दिया जाएगा। वहीं सप्तमी तिथि यानी सोमवार को पुनर्वसु नक्षत्र में उगते सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा। इसके बाद व्रती अपने व्रत का समापन करेंगी।  चार दिवसीय महापर्व में व्रती अपनी संतान की लंबी आयु के लिए भगवान सूर्यनारायण की आराधना करती हैं। चैत्र में भी छठी मैय्या और सूर्य देव की पूजा का विधान है। इस बार चैत्र छठ पर्व की शुरुआत 12 अप्रैल को नहाय खाय के साथ हुई थी। 15 अप्रैल को उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ इसका समापन होगा 

चौबीस घंटो से अधिक समय तक निर्जल व्रत रखते हैं

इधर, पटना के गांधी घाटों पर बड़ी संख्या में छठ व्रतियों के परिजनों की भीड़ देखी गई। रविवार सुबह से व्रती के परिजन घाटों की सफाई में जुट गए। दोपहर तक वह घाट को पूरा तैयार कर लेंगे। हालांकि, कई घाट तैयार हो चुके हैं। जिला प्रशासन की ओर से 15 अप्रैल तक सुरक्षा की व्यापक इंतजाम किए गए हैं। गंगा घाट पर आस्था की डुबकी लगाने आईं महिलाओं ने कहा कि यह व्रत संतान की लंबी उम्र, उसके स्वास्थ्य और सुखमय जीवन की कामना के साथ रखा जाता है। यह व्रत सबसे कठिन व्रतों में से एक माना जाता है। 36 घंटों तक कठिन नियमों का पालन करते हुए इस व्रत को रखा जाता है। इस दौरान व्रती चौबीस घंटो से अधिक समय तक निर्जल व्रत रखते हैं।

132 मजिस्ट्रेट और पुलिस अफसर घाटों पर तैनात

पटना में 41 गंगा घाटों और सात तालाबों में अर्घ्य देने की व्यवस्था की गई है। घाटों पर बैरिकेडिंग, साफ-सफाई, सुरक्षा, चेजिंग रूम, रोशनी के बेहतर इंतजाम किए गए हैं। 76 जगह पर 23 सेक्टर पदाधिकारियों के नेतृत्व में 132 मजिस्ट्रेट और पुलिस अफसरों के साथ दो हजार जवान तैनात रहेंगे। 

पटना में इन रास्तों पर परिचालन बंद

प्रशासन ने पटना के पांच खतरनाक घाटों की सूची जारी कर दी है। इनमें हल्दीछपरा घाट, जर्नादन घाट, कोयला घाट, लोहरवा घाट और सीता घाट शामिल है। वहीं रविवार दोपहर दो बजे से शाम सात बजे तक और सोमवार सुबह चार बजे से आठ बजे तक आशियाना मोड़ से दीघा की ओर, न्यू बायपास पर करमलीचक मोड़ से पटना सिटी की ओर, अशोक राजपथ पर दीदारगंज से कारगिल चौक तक व्यवसायिक वाहनों का परिचालन नहीं होगा। 

चार दिनों वाले पर्व में किस दिन क्या किया जाता है? आइए जानते हैं… 

छठ पर्व की शुरुआत नहाय खाय से होती है। इसके बाद खरना मनाया जाता है। दिनभर व्रत के बाद व्रती रात को पूजा के बाद गुड़ से बनी खीर खाकर उसके बाद से 36 घंटे का निर्जला व्रत शुरू करती हैं। षष्ठी तिथि छठ पूजा का तीसरा दिन होता है। इस दिन छठ पर्व की मुख्य पूजा की जाती है। छठ पर्व के तीसरे दिन व्रती और परिवार के सभी लोग नदी, सरोवर, पोखर या तालाब आदि में जाकर डूबते सूर्य को अर्घ्य देते हैं और छठी मईया का पूजन किया जाता है। चौथा दिन यानी सप्तमी तिथि छठ महापर्व का अंतिम दिन होता है।इस दिन प्रातः उगते सूर्य को जल दिया जाता है। इसी के साथ छठ पर्व का समापन होता है।

  • 12 अप्रैल 2024: नहाय-खाय
  • 13 अप्रैल 2024: खरना
  • 14 अप्रैल 2024: शाम का अर्घ्य
  • 15 अप्रैल 2024: सुबह का अर्घ्य और पारण

 

[ad_2]

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *