Ganga Sagar Mela: गंगा सागर मेले की क्या है खासियत, कैसे पड़ा ‘गंगा सागर’ नाम?

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Ganga Sagar Mela: गंगा सागर मेला यह हिंदुओं के लिए महत्वपूर्ण एक धार्मिक अनुष्ठान है. जिसे गंगा सागर स्नान और गंगा सागर यात्रा के नाम से भी जाना जाता है. यह मेला हर साल हिंदू कैलेंडर के अनुसार मनाया जाता है. यह हर साल पश्चिम बंगाल राज्य में सागर द्वीप या सागरद्वीप के तट पर मनाया जाता है. यह वह स्थान है जहां गंगा सागर में विलीन होती है. यह स्थान हिंदू तीर्थयात्रियों के लिए एक विशेष स्थान रखता है.

गंगा सागर में हजारों श्रद्धालु लगाते हैं डुबकी

बंगाल की खाड़ी में विलीन होने से पहले हजारों हिंदू भक्त गंगा नदी में पवित्र डुबकी लगाने के लिए इस स्थान पर एकत्रित होते हैं. गंगा सागर स्नान के दौरान देश के कोने-कोने से श्रद्धालुओं को लाने के लिए सबसे बड़ा मेला आयोजित किया जाता है. गंगा सागर मेला कुछ दिन पहले शुरू होता है और संक्रांति के अगले दिन समाप्त होता है.

हर साल 14 जनवरी को लगता है गंगा सागर मेला

यह त्योहार सांस्कृतिक रूप से समृद्ध राज्य बंगाल, सनातन धर्म में बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है. गंगा सागर स्नान मकर संक्रांति के दौरान ही किया जाता है और हर साल 14 जनवरी को पड़ता है. इस दिन देश-विदेश के विभिन्न हिस्सों से श्रद्धालु गंगा के पवित्र जल में डुबकी लगाने आते हैं. कहा जाता है कि सनातन धर्म के प्रत्येक व्यक्ति को एक बार इस स्थान पर गंगा स्नान अवश्य करना चाहिए जिससे उसके सारे पाप नष्ट हो जाते हैं, लेकिन इस दिन विधिपूर्वक स्नान का विशेष महत्व बताया गया है. गंगा सागर स्नान पूरे देश में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है. उत्सव एक क्षेत्र से दूसरे क्षेत्र में भिन्न हो सकते हैं, लेकिन इस त्योहार की भावना अपरिवर्तित रहती है.

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