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सिर मुंडा लूं तो लगूंगा सीएम योगी का भाई : कैलाश
 गोरखपुर महोत्सव में प्रस्तुति देने पहुंचे गायक कैलाश खेर ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि मुझे लोग सीएम योगी के भाई जैसा कहते हैं। अगर मैं सिर मुंडा लूं तो सच में ऐसे ही लगूंगा। सीएम योगी भी इस बात को मानते हैं और कहते हैं कि अगर तुम एक्टिंग करना तो मेरा रोल तुम करना। 
सूफी गायक कैलाश खेर ने कहा कि वह गोरखपुर आकर बेहद आनंदित हो रहे हैं। कहा, इसके पहले भी मैंने कोशिश की थी और आयोजन मंडल ने मुझे बुलाया था पर कुछ कारणों से नहीं आ सके थे। आज मैं यहां आकर बहुत खुश हूं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश तेजी से तरक्की कर रहा है।
अमन के गीतों ने युवाओं में भरा जोश
कैलाश खेर से पहले जब अमन त्रिखा मंच पर पहुंचे उन्होंने अपने पहले गीत से रंग जमा दिया। ‘देवा श्रीगणेशा’ उन्होंने कार्यक्रम की शुरुआत की। इसके बाद ‘गणपति बप्पा मोरया’ का जयकारा लगवाकर उन्होंने श्रोताओं के जोश को चरम पर पहुंचा दिया। ‘केसरिया तेरा इश्क है पिया’ गीत से उन्होंने माहौल को रूमानी बनाया और ‘तेरे बिन अब न लेंगे एक भी दम’ से इस सिलसिले को आगे बढ़ाया। इसके बाद उन्होंने ‘गोविंदा आला रे’ गीत गाकर जब वह मंच पर झूमे तो वहां मौजूद सभी लोग अपने स्थान पर खड़े-खड़े ही झूमने लगे। अंत में भोजपुरी गीत ‘लालीपाप लागेलू’ सुनाकर अमन गोरखपुरवासियों का दिल जीत गए।
 
महोत्सव के अंतर्गत स्थानीय कलाकारों को समर्पित ‘सबरंग’ कार्यक्रम में कलाकारों ने लोकगीत, नृत्य, गजल और बॉलीवुड गीतों पर नृत्य कर अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया। शुरूआत लोकगीत गायिका हृदया त्रिपाठी ने ‘..अब लौट भी आओ पिया’ गीत के साथ की। इसके बाद ‘लगल बा खिचड़ी के मेला, बलम मेला दिखाई दा’ लोकगीत के माध्यम से समा बांध दिया। कक्षा पांचवी के छात्र संस्कार ने बॉलीवुड गीतों को हिंदी, बांग्ला, संस्कृत, इटैलियन और भोजपुरी में गाकर सभी को अचंभित किया। शगुन श्रीवास्तव ने …हीरे मोती मैं ना चाहूं, और दमा दम मस्त कलंदर गीत प्रस्तुत किया।
मनीषा सिंह ने राजस्थानी नृत्य और मोहिनी ने ‘मीरा दीवानी है कन्हैया की% गीत प्रस्तुत किया। विंध्यांचल आजाद ने फरूआही नृत्य, संदीप पांडेय ने नृत्य की प्रस्तुति दी। कार्यक्रम के सफल आयोजन में डॉ. मनोज गौतम, लोकगायक राकेश श्रीवास्तव, हरि प्रकाश सिंह आदि ने अहम भूमिका निभाई।
पुस्तक प्रदर्शनी में बाल साहित्य आकर्षण का केंद्र हैं। निखिल प्रकाशन, आगरा के प्रोपराइटर मोहन रवि शर्मा ने बताया कि उनके स्टॉल पर नेपाली लड़का, मिट्ठू चाय, एक फुट के मजनूमियां, दादा जी का मौन व्रत, सरदार की बेटी, बंदर मामा पहने चश्मा, ढोल बजाता हाथी आया, सरदार की बेटी सरीखी कहानियां बच्चों को लुभाएंगी। उनके स्टाल पर ‘साहित्यकारों की भूलें’ शीर्षक किताब भी उपलब्ध है। एक अन्य स्टॉल पर वेदों पर लिखी गईं 11 संहिताओं का संकलन उपलब्ध है। साढे़ नौ किलो की यह किताब 6500 रुपये में उपलब्ध है। संवाद
नाटक ‘बिस्मिल ’का मंचन
योगिराज बाबा गंभीरनाथ प्रेक्षागृह में स्थानीय कलाकारों ने नाटक ‘बिस्मिल’ का मंचन किया गया। नाटक के माध्यम से देश के लिए पंडित राम प्रसाद बिस्मिल के बलिदान को कलाकारों ने दिखाया। नाटक का लेखन एवं निर्देशन अजीत प्रताप सिंह ने किया। प्रस्तुतकर्ता रीना जायसवाल थीं। संवाद
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