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हमला प्रतीकात्मक
विस्तार
आरोपी जीजा दुष्यंत ने अपने साले राजकुमार को जमीन के लालच में गोली मारी थी। बृहस्पतिवार को घायल साले के सिर का ऑपरेशन हो गया। डॉक्टरों ने सिर में फंसी दो गोलियों को बाहर निकाल दिया। अब घायल राजकुमार की हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है। वहीं गोली मारने के आरोपी जीजा को पुलिस ने न्यायालय के आदेश पर जेल भेज दिया है।
बुलंदशहर जनपद के डिबाई क्षेत्र के गांव इंदौर खेड़ा निवासी दुष्यंत की कासगंज जनपद के ढोलना थाना क्षेत्र के गांव महावर में ससुराल है। बुधवार को दुष्यंत ने इकलौते साले राजकुमार को जलाली के पास भटौला गांव के निकट सिर में दो गोली मार दी थीं। जिसे पुलिस ने हिरासत में लेकर तमंचा, एक जिंदा कारतूस और बिना नंबर की अपाचे बाइक समेत गिरफ्तार कर लिया था।
दुष्यंत के अनुसार उसके साले राजकुमार के पिता दो भाई थे नरेश और प्रताप सिंह। राजकुमार के पिता नरेश की 16 वर्ष पहले मौत हो गई थी, साथ ही उसकी ताई का भी निधन हो चुका था जिसके बाद राजकुमार की मां और ताऊ प्रताप पति पत्नी की तरह जीवन व्यतीत कर रहे थे। दुष्यंत के अनुसार प्रताप पर बेटा नहीं है, तीन बेटियां हैं, जिनमें से दो का विवाह उसके दो बड़े भाइयों के साथ हुआ था।
पूछताछ में अभियुक्त दुष्यंत ने पुलिस को बताया कि दस दिन पहले राजकुमार की शादी तय हुई थी, जिसमें लड़की वालों ने प्रताप के हिस्से में आ रही तीन बीघा जमीन को भी राजकुमार के नाम करने की शर्त रखी थी। चूंकि प्रताप के बाद यह जमीन उसकी भाभियों के नाम आनी थी, ऐसे में उसे यह नागवार गुजरा। जिसके बाद उसने घटना को अंजाम दे डाला। वहीं राजकुमार को बेटा मानने वाले ताऊ ने पिता के तौर पर ही राजकुमार पर जानलेवा हमले के आरोप में दुष्यंत के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया है।
तीन जनपदों से असलहा लेकर बिना नंबर की बाइक से गुजरा आरोपी
आरोपी दुष्यंत बुलंदशहर जनपद के डिबाई थाना क्षेत्र का निवासी है पुलिस की मानें तो आरोपी घर से ही तमंचा और कारतूस लेकर चला था। जिसके बाद कासगंज जनपद के ढोलना थाना क्षेत्र के गांव महावर पहुंचकर साले को गांव के बाहर बुला लिया और उसे लेकर अलीगढ़ जनपद के हरदुआगंज थाना क्षेत्र के जलाली कस्बे के पास आकर घटना को अंजाम दे डाला। आरोपी दुष्यंत की इस हरकत ने तीन-तीन जनपदों की पुलिस की कार्यशैली पर सवालिया निशान लगा दिए हैं कि तमंचा लगाकर बिना नंबर की अपाचे बाइक लेकर आरोपी तीन जनपदों में घूमता रहा, लेकिन कहीं कोई चेकिंग नहीं की गई। यदि बिना नंबर की बाइक देखकर भी कहीं चेक कर लिया जाता, तो शायद दुष्यंत घटना को अंजाम देने से पहले ही पकड़ में आ जाता।
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