प्रो. इरफान हबीब: ऑडिटर जनरल को एतराज नहीं, तो एएमयू इंतजामिया तनख्वाह क्यों नहीं दे रहा

[ad_1]

प्रो. इरफान हबीब

प्रो. इरफान हबीब

विस्तार

अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में 1559 अस्थायी कर्मचारियों के हक में प्रसिद्ध इतिहासकार प्रोफेसर इरफान हबीब भी उतर आए हैं। उन्होंने कहा है कि जब इन कर्मचारियों को तनख्वाह देने में ऑडीटर जनरल को एतराज नहीं है, तो विवि के वित्त अधिकारी पसोपेश में क्यों फंसे हैं। बकौल प्रो. इरफान ‘मेरी यह बिल्कुल समझ में नहीं आ रहा है कि यह झगड़ा क्यों शुरू हो रहा है। जब इन कर्मचारियों को नवंबर की तनख्वाह दी गई, तो कोई सवाल नहीं उठा। दिसंबर में इन कर्मचारियों का सेवा विस्तार खत्म हो रहा था, जिसे कुलपति ने छह महीने के लिए बढ़ा दिया।

अब 1500 से ज्यादा कर्मचारियों को तनख्वाह नहीं मिल रही है, यह समझ में नहीं आता है। जिस मद से नवंबर की तनख्वाह दी गई थी, उसी मद से दिसंबर की तनख्वाह दी जाए। नवंबर तक तनख्वाह देना कानूनी था, तो दिसंबर में ऐसा क्या हो गया है। जिस पर ऑडीटर जनरल को एतराज हो। इसेे कायदे से समझा जाए। जब एएमयू ने कर्मचारियों को नियुक्ति दी है, तो नैतिक रूप से विवि उन्हें तनख्वाह देने के लिए बाध्य हैं।

विवि इंतजामिया यह बिल्कुल नहीं कह सकता है कि कानूनी और नैतिक रूप से वह तनख्वाह देने के लिए बाध्य नहीं हैं। अगर तनख्वाह नहीं देनी थी तो फिर विवि ने उनसे एक महीने तक काम क्यों लिया?, काम कराया है तो उसका भुगतान फौरन अदा करना चाहिए। सेवा विस्तार भी बढ़ना चाहिए’।

भाजपा को मिलेगा मौका

प्रोफेसर इरफान हबीब ने कहा कि तनख्वाह न मिलने के चलते एएमयू को बदनाम किया जा रहा है। उन्होेंने कहा कि एएमयू के मामले में कुछ लोग भाजपा को हस्तक्षेप करने का मौका दे रहे हैं।



[ad_2]

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *