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लगातार धंस रहा जोशीमठ बदरीनाथ धाम का प्रवेश द्वारा है। चारधाम यात्रा के दौरान जोशीमठ में लाखों श्रद्धालु जुटते हैं। श्रद्धालु यहां नृसिंह मंदिर के दर्शन करने के बाद ही बदरीनाथ धाम की तीर्थयात्रा शुरू करते हैं। बदरीनाथ धाम के पूर्व धर्माधिकारी भुवन चंद्र उनियाल का कहना है कि बदरीनाथ धाम की तीर्थयात्रा तभी सफल मानी जाती है जब पहले नृसिंह भगवान के दर्शन कर लिए जाएं।
हालांकि अभी मंदिर भू-धंसाव से बचा हुआ है, लेकिन मंदिर के शंकराचार्य गद्दी स्थल के पास हल्की दरारें देखी गई हैं। वहीं, खतरे को देखते हुए नृसिंह मंदिर परिसर में सभी बड़े आयोजनों पर रोक लगा दी गई है। श्री बदरीनाथ, केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने बताया कि स्थानीय नागरिकों और श्रद्धालुजनों के सुझाव पर जोशीमठ स्थित नृसिंह मंदिर परिसर में किसी भी प्रकार के आयोजन व गतिविधि पर बिना अनुमति के रोक लगा दी गई है। चलिए आपको बताते हैं मंदिर के बारे में कुछ खास बातें…
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