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Delhi Snoopgate case: BJP workers and leaders hold a protest against CM Arvind Kejriwal
– फोटो : ANI
विस्तार
दिल्ली सरकार के द्वारा भाजपा नेताओं और कुछ अन्य गणमान्य लोगों की कथित तौर पर जासूसी कराने का मामला ठंडा पड़ने वाला नहीं है। भाजपा इस मुद्दे को जमकर भुनाने की रणनीति अपना रही है। इस मामले को सीबीआई को सौंपने के बाद भी भाजपा इस पर आक्रामक रुख अपनाए हुए है। गुरुवार को भी उसने अरविंद केजरीवाल और दिल्ली सरकार के विरुद्ध जमकर प्रदर्शन किया और गिरफ्तारी की मांग की।
दरअसल, नगर निगम चुनाव से पहले भाजपा ने आम आदमी पार्टी की जमकर घेराबंदी की थी। शराब घोटाले में जांच के समय भी उसने अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया पर लगातार हमलावर रुख अपनाए रखा। इसके बाद हुए नगर निगम चुनाव में भाजपा चौथी बार सत्ता में आने में तो कामयाब नहीं हुई, लेकिन 15 सालों की सत्ताविरोधी लहर के बाद भी वह 250 सीटों वाले सदन में सम्मानजनक 104 सीटें हासिल करने में कामयाब रही। भाजपा नेताओं का मानना है कि यह सफलता केजरीवाल पर लगातार हमलावर रहने के कारण ही मिली है।
यही कारण है कि अब भाजपा केजरीवाल को किसी भी मामले में छूट देने के लिए तैयार नहीं है। वह केजरीवाल को किसी भी मामले में आसान राह देने के लिए तैयार नहीं है। नगर निगम में दोनों दलों के बीच हो रहे टकराव का एक बड़ा कारण यह भी माना जा रहा है। चूंकि, साल भर बाद ही लोकसभा चुनाव होने हैं और उसके एक साल बाद दिल्ली की सत्ता की लड़ाई होगी, पार्टी नगर निगम चुनाव में मिला अपना ‘मोमेंटम’ बनाए रखना चाहती है।
इस्तीफा दें केजरीवाल
दिल्ली भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि 2015 में जनता ने आम आदमी पार्टी को बड़ी राजनीतिक ताकत दी थी। उसे यह भरोसा था कि सरकार उसके हितों के लिए काम करेगी। लेकिन जासूसी कांड के सामने आने के बाद यह साफ हो गया है कि केजरीवाल ने अपनी पूरी ताकत का इस्तेमाल केवल अपने राजनीतिक विरोधियों को खत्म करने के लिए किया। उन्होंने कहा कि इस घटना के सामने आने के बाद केजरीवाल की असलियत जनता के सामने आ गई है। उन्होंने मुख्यमंत्री के इस्तीफे की मांग भी की।
सचदेवा ने कहा कि जब केजरीवाल 2015 में सत्ता में आये, तो उन्होंने सबसे पहला काम मीडिया के सचिवालय में प्रवेश को रोक दिया। इसके बाद अधिकारियों, विपक्ष के नेताओं की आवाज दबाई। इसके लिए उन्होंने एक विशेष यूनिट की स्थापना कर केवल सरकार के आलोचकों को निशाने पर रखा और उस दबाने की चेष्टा की। उन्होंने कहा कि यह एक मुख्यमंत्री का काम नहीं है और इसके लिए उन्हें त्यागपत्र देना चाहिए।
जासूसी के लिए खड़ा किया पूरा नेटवर्क
भाजपा नेता विजेंद्र गुप्ता ने आरोप लगाया कि केजरीवाल सरकार द्वारा कैमरे खरीदना, जासूसी के सामान खरीदना और फिर एक विभाग बनाकर विपक्षी नेताओं की जांच कराना यह साबित करता है कि जनता के पैसे पर केजरीवाल एक जासूसी तंत्र स्थापित कर रहे थे और इसे जनता के हित के लिए किया गया कार्य बता रहे थे। लेकिन अब इसकी सच्चाई सामने आ गई है। उन्होंने कहा कि इस मामले के सामने आने के बाद कई आप नेता घेरे में आ सकते हैं।
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