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उपभोक्ता आयोग
– फोटो : अमर उजाला
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अलीगढ़ के अलबरकात स्कूल की पांचवीं की छात्रा को फीस जमा न होने पर परीक्षा देने से रोक दिया गया। चूंकि इस संबंध में वाद पहले से जिला उपभोक्ता आयोग में लंबित था। इसलिए पिता फिर आयोग के समक्ष पहुंच गया। इसका संज्ञान लेते हुए आयोग ने बच्ची को परीक्षा दिलाने के आदेश दिए। इसके बाद बच्ची को परीक्षा दिलाई गई।
हुआ यूं कि रसलगंज के ताला कारखाना संचालक लियाकत अली गुड्डू की 12 वर्ष की बच्ची अलीजा फातिमा अल बरकात स्कूल में 5वीं की छात्रा है। कोरोना काल में काम धंध ठप होने के चलते उनसे स्कूल की फीस ले ली गई। इसी बीच सुप्रीम कोर्ट ने फीस समायोजन का हवाला दिया। इसके बाद उन्होंने फीस नहीं दी और अदालत के आदेश पर समायोजन की बात रखी। मगर बात नहीं मानी तो गुड्डू ने 14 नवंबर 2022 को उपभोक्ता आयोग में वाद दायर किया।
इस पर 15 फरवरी को सुनवाई होनी थी। अलीजा ने 15 को परीक्षा दी। लेकिन, 16 फरवरी को उसे उर्दू की परीक्षा नहीं देने दी। इस पर वे आयोग के समक्ष पहुंचे। जहां आयोग के चेयरमैन न्यायाधीश हसनैन कुरैशी, सदस्य आलोक उपाध्याय व पूर्णिमा सिंह राजपूत की पीठ ने आदेश दिए कि केस के निस्तारण तक बच्ची को परीक्षा देने दी जाए।
इस आदेश के बाद शुक्रवार को वादी आदेश का कापी लेकर स्कूल पहुंचे। तब जाकर उसकी परीक्षा दिलाई गई। इधर, पिता के अनुसार परीक्षा न दिलाए जाने के कारण बच्ची बीमार हो गई थी।
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