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काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू)
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
बीएचयू अस्पताल के हृदय रोग विभाग में खाली बेडों पर मरीजों को भर्ती करने के मामले में कोई फैसला नहीं हो सका। इससे संकट बरकरार है। इस मामले का संज्ञान प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने लिया है। इसकी रिपोर्ट भी जिलाधिकारी से तलब की है। जिलाधिकारी ने अब मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) से एक मार्च तक जवाब मांगा है।
हदय रोग विभाग की ओपीडी में रोजाना 300 से अधिक मरीज वाराणसी व पूर्वांचल के अन्य जिलों से आते हैं। कैथ लैब में मरीजों की सर्जरी भी की जाती है। सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक व बीएचयू अस्पताल में मिलाकर कुल 86 बेड हैं, लेकिन 45 बेडों पर ही मरीजों का इलाज किया जा रहा है। 41 बेड खाली पड़े हैं। तमाम मरीज व उनके तीमारदारों को रोजाना लौटाया जा रहा है। सोमवार को भी वार्ड के सारे बेड खाली मिले हैं। दरअसल, पूरा मामला आपसी खींचतान का है। इस कारण हॉस्पिटल इंफॉर्मेशन सिस्टम (एचआईएमएस) में सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक के 41 बेडों की जानकारी नहीं अपलोड की गई। इस वजह से खाली बेडों की जानकारी नहीं मिल पाती है।
विभागाध्यक्ष ने उठाई आवाज
बीएचयू हृदय रोग विभाग के अध्यक्ष प्रो. ओमशंकर ने इस समस्या को लेकर आवाज उठाई थी। ट्विटर व माध्यम से प्रधानमंत्री कार्यालय समेत अन्य जगहों पर शिकायत की थी। अब मामले में प्रधानमंत्री कार्यालय ने जवाब मांगा गया है।
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