[ad_1]

dr shelly oberoi
– फोटो : ट्विटर अकाउंट से
विस्तार
मेयर शैली ओबरॉय का कार्यकाल केवल हफ्तेभर का बचा है। वहीं, स्थायी समिति का चुनाव न होने से निगम से जुड़े आर्थिक व नीतिगत फैसले नहीं लिए जा सके। स्थायी समिति के छह सदस्यों के चुनाव का मामला अदालत में चल रहा है। इस पर अगली सुनवाई 24 अप्रैल को होगी। अदालत ने सुनवाई से पहले उपराज्यपाल, मेयर और एमसीडी को अपना पक्ष रखने को कहा है।
निगम का नया सत्र एक अप्रैल से शुरू होता है, जबकि मेयर का कार्यकाल 31 मार्च को खत्म हो रहा है। डीएमसी एक्ट के मुताबिक, अगले मेयर का चुनाव होने तक वही कुर्सी पर मौजूद रहेंगी। ऐसी परिस्थिति में मेयर के पास निगम से जुड़े आर्थिक व नीतिगत फैसले लेने का अधिकार तो होगा, लेकिन स्थायी समिति न होने की स्थिति में मेयर नीतिगत फैसले लेने में सक्षम नहीं हैं।
अब तो हफ्ते भर बाद जब भी निगम सदन की पहली बैठक होगी, उसमें नए मेयर का चुनाव होगा। इसके बाद स्थायी समिति के चुनाव की प्रक्रिया दोबारा शुरू होगी। सदन की पहली बैठक में स्थायी समिति के छह सदस्यों का चुनाव होता है और फिर निगम के 12 जोन से एक-एक सदस्य चुनकर आता है। इसके बाद स्थायी समिति के 18 सदस्य मिलकर समिति के चेयरमैन का चुनाव करते हैंं।
[ad_2]
Source link