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सांकेतिक तस्वीर।
– फोटो : istock
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गोरखपुर का हिंदी बाजार हॉलमार्क के खेल के चलते होली से ही चर्चा में है। मामला है बिना हॉलमार्क की ज्वैलरी से सराफा कारोबार को गड़बड़ाने का। हॉलमार्क वाले कारोबारी बिना मार्का के दुकानदारों से लंबे समय से असहमत थे। मगर रविवार को सोने की परत चढ़े लॉकेट का खेल सोशल मीडिया खुलने के बाद यह मामला तूल पकड़ गया। सोना कारीगरों और कारोबारियों ने मामले को हवा देने वाले सराफा व्यापारी को घेरा और बात लखनऊ तक पहुंच गई।
सराफा कारोबार की साख बचाने को लंबी कसरत के बाद सोमवार शाम तक आर्टिफिशियल ज्वैलरी पर सोने की परत का खेल खोल दिया गया। पुलिस ने साढ़े बारह किलो आर्टिफिशियल ज्वैलरी सोने की लॉकेट बताकर बेचने वाले दुकानदार को गिरफ्तार कर लिया। अब सारी मशक्कत सराफा कारोबार की साख बचाए रखने की है।
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रविवार को गोरखपुर सराफा व्यापार मंडल की नई कार्यकारिणी का गठन किया गया था। बताया जा रहा कि इस संगठन का कोई बाइलॉज नहीं बना है, लेकिन पदाधिकारियों का चयन कर लिया गया। सराफा बाजार में चर्चा है कि इसमें संरक्षक जिसे बनाया गया है, वह गोरखपुर सराफा मंडल में इस वर्ष अध्यक्ष का चुनाव लड़ चुके हैं। उन्हें हराकर ही गणेश वर्मा अध्यक्ष बने हैं। इसी के बाद नए संगठन का गठन किया गया और अगले दिन हिंदी बाजार में नकली सोने के आभूषणों के बड़े कारोबार का रैकेट खुल गया। हालांकि, अध्यक्ष राधाकांत वर्मा ने बताया कि हमारे संगठन में संरक्षक का कोई पद नहीं है।
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