लाली एनकाउंटर केस: दरोगा ने मुकदमे में छात्र को बताया था लुटेरा, दलील दी थी- अपनी जान बचाने के लिए मारी गोली

[ad_1]

fake encounter case Inspector told student lali a robber in case

lali encounter case
– फोटो : अमर उजाला

विस्तार

बरेली के करीब 31 साल पुराने बहुचर्चित फर्जी एनकाउंटर मामले में शुक्रवार को फैसला आ गया। अदालत ने रिटायर्ड दरोगा युधिष्ठिर सिंह को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। उस पर 20 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। बता दें कि बुधवार को अदालत ने रिटायर्ड दारोगा युधिष्ठिर सिंह को दोषी करार दिया था। कोर्ट के इस फैसले के बाद मृतक के परिजनों ने संतोष जाहिर किया है। 

तत्कालीन दरोगा युधिष्ठिर सिंह ने कोतवाली में दर्ज कराई रिपोर्ट में मुकेश जौहरी उर्फ लाली को लुटेरा बताया था। युधिष्ठिर सिंह का कहना था कि उन्होंने अपनी जान बचाने के लिए लाली पर गोली चलाई थी। युधिष्ठिर सिंह ने लाली व दो अन्य अभियुक्तों के खिलाफ 23 जुलाई 92 को मुकदमा दर्ज कराया था। 

इसमें युधिष्ठिर सिंह का कहना था कि उस दिन शाम को वह बड़ा बाजार की एक दुकान से मिठाई खरीदकर अपने घर लौट रहे थे तभी पास में ही पिंक सिटी वाइन शॉप पर तीन लोगों में से एक व्यक्ति ने शराब की दुकान से जबरदस्ती बोतल उठा ली। दूसरे ने गल्ला लूटने के इरादे से उसमें हाथ डाल दिया। 

सेल्समैन के विरोध करने पर एक ने तमंचा तान दिया। युधिष्ठिर सिंह ने यह जानकर कि तीनों व्यक्ति लुटेरे हैँ, उन्हें ललकारा। उनमें से एक ने युधिष्ठिर सिंह को गाली देते हुए फायर किया जिससे वह बच गए। हमलावर को दोबारा तमंचा लोड करते देख अपनी जान बचाने को उन्होंने अपनी सरकारी रिवाल्वर से उस व्यक्ति पर फायर कर दिया जिससे वह व्यक्ति घायल होकर भागा और गिर गया। उसका नाम मुकेश जौहरी उर्फ लाली पता चला। बाकी दोनों व्यक्ति भाग गए। युधिष्ठिर सिंह ने लाली को जिला अस्पताल भिजवाया, जहां मृत घोषित कर दिया गया।

[ad_2]

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *