UPPCS 2022: पढ़ें 10 टॉपर्स की संघर्ष गाथा, फौजी की बेटी बनी टॉपर, 30 लोगों के परिवार में रह सल्तनत बनीं अफसर

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बुलंदशहर की नम्रता सिंह ने भी टॉप 10 में जगह बनाई। नम्रता सिंह ने तीसरा स्थान हासिल किया है। 383 पदों के लिए हुई परीक्षा में 364 पदों पर अभ्यर्थियों को चयनित घोषित किया गया है।

बता दें कि सम्मिलित राज्य/प्रवर अधीनस्थ सेवा (पीसीएस) परीक्षा-2022 में बेटियों ने परचम लहराया है। आयोग की ओर से जारी किए गए अंतिम चयन परिणाम में आगरा की दिव्या सिकरवार ने टॉप किया। लखनऊ की प्रतीक्षा पांडेय को दूसरा और बुलंदशहर की नम्रता सिंह को तीसरा स्थान मिला है।

नेहरूगंज कालोनी में निवासी नम्रता सिंह ने उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग में तीसरा स्थान प्राप्त किया है। उनकी इस उपलब्धी पर परिवार में जश्न का माहौल है। आसपास के लोग देर रात तक घर पर बधाई देने के लिए पहुंचते रहे। वहीं परिजनों ने एक दूसरे को मिठाई खिलाकर जश्न मनाया। नमृता ने कहा कि उनका सपना आइएएस बनने का है। शुक्रवार को उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के परिणाम के बाद नम्रता सिंह ने प्रदेश में तीसरा स्थान पाया है। 

मूलरूप से बुलंदशहर की रहने वाली हैं नम्रता

नम्रता मूलरूप से डिबाई तहसील के सतोही गांव की रहने वाली हैं। वर्तमान में वह अनूपशहर की नेहरूगंज कालोनी में रहती हैं। नमृता के पिता डा. सुरेश सिंह ग्राम्य विकास विभाग में डिप्टी डायरेक्टर के पद पर इटावा जिले में तैनात हैं। वहीं नम्रता की मां प्रोफेसर चंद्रावती अनूपशहर के दुर्गा प्रसाद बलजीत सिंह स्नातकोत्तर महाविद्यालय में रसान विज्ञान की विभागाध्यक्ष के पद पर तैनात हैं। 

नम्रता तीन भाई बहनों में सबसे बड़ी हैं। दो छोटे भाई पढ़ाई कर रहे हैं। नम्रता ने अनूपशहर जेपी विद्या मंदिर से 10वीं और 12वीं की पढ़ाई की है। उन्होंने 2015 में सीबीएसई 12वीं में जिला टॉप किया था। इसके बाद एनआईटी दिल्ली से 2019 में बीटेक किया। तभी से वह सिविल की तैयारी कर रही हैं। उन्होंने बताया कि वह ऑनलाइन तैयारी की है। 2021 में वह यूपीएससी में इंटरव्यू तक पहुंची। उन्होंने बताया कि उनका सपना आइएएस बनने का है। यह उनका पहला पड़ाव है। सफलता का श्रेय माता-पिता और गुरुजनों को दिया है।खेलों में है खास रूचि

नम्रता ने बताया कि वह प्रत्येक दिन सात से आठ घंटे पढ़ाई के लिए निकालती हैं। इसके अलावा वह नियमित खेल के लिए भी समय देती हैं। उन्होंने बताया कि हैंडबॉल और बैडमिंटन खेलना उनका शौक है। हैंडवाल में नेशनल स्कूल खेली हैं।

मन लगाकर करें पढ़ाई, असफलता से निराश न होंः नम्रता

नम्रता ने युवाओं को संदेश दिया है कि असफलताओं से कभी निराश नहीं होना चाहिए। यदि मन लगाकर पढ़ाई करें तो कोई भी लक्ष्य दूर नहीं है। पढ़ाई के साथ खेल भी जीवन के लिये आवश्यक हैं। क्योंकि खेल से शरीर और मन स्वस्थ्य रहता है। इसलिए पढ़ाई के साथ थोड़ा खेल पर भी ध्यान देना चाहिए।

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