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ऑपरेशन करने वाली डॉक्टरों की टीम
– फोटो : अमर उजाला
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कोरोना की दूसरी लहर 2021 में ब्लैक फंगस की बीमारी की चपेट में आने से जिस मरीज का ऊपर का दाहिना जबड़ा (मैक्सिला बोन) निकाला गया था, उसको डॉक्टरों ने दो साल बाद लगा दिया। बीएचयू दंत चिकित्सा विज्ञान संकाय की टीम ने थ्रीडी प्रिंटेड टाइटेनियम विधि से तैयार जबड़े का प्रत्यारोपण किया।
बीएचयू दंत चिकित्सा विज्ञान संकाय प्रमुख प्रो. विनय कुमार श्रीवास्तव के अनुसार जांच के बाद पता चला कि उसका जबड़ा पूरी तरह से गल गया था और तालू में छेद हो गया था। संबंधित मरीज को खाना खाने में परेशानी का सामना करना पड़ता था। भोजन और पानी नाक से बाहर निकल जाता था। दो साल की इस पीड़ा से परेशान मरीज ने ओरल एवं मैक्सिलोफेसियल सर्जरी यूनिट में जांच कराई।
मरीज के चेहरे पर नहीं लगा एक भी चीरा
यहां प्रो. नरेश कुमार शर्मा एवं एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. अखिलेश कुमार सिंह के निर्देशन में सीटी स्कैन का उपयोग करते हुए अत्याधुनिक तकनीकी कंप्यूटर एडेड डिजाइन विधि से कृत्रिम जबड़ा तैयार किया गया।
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