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सपा-रालोद।
– फोटो : अमर उजाला
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कई दिन तक असमंजस की स्थिति रहने के बाद रालोद ने नगर निकाय चुनाव में अपने प्रत्याशी नहीं उतारे हैं। पार्टी ने सपा प्रत्याशियों को पूरी दमदारी के साथ चुनाव लड़ाने का फैसला किया है।
पिछला विधानसभा चुनाव सपा और रालोद ने मिलकर लड़ा था। रालोद ने सपा से गठबंधन कर सादाबाद की सीट पर जीत भी हासिल की थी। नगर निकाय चुनाव में रालोद ने सपा से चार सीटें मांगी, सपा सीट देने को तैयार नहीं हुई। रालोद ने केवल मुरसान और सादाबाद नगर पंचायत सीट मांगी, लेकिन इस पर भी बात नहीं बनी।
आपस में सहमति नहीं बनने पर एक बार यह भी लगा कि रालोद इन दोनों सीटों पर प्रत्याशी उतारेगा। मामला हाईकमान तक पहुंचा। आखिर में रालोद ने नगर निकाय चुनाव न लड़ने का फैसला किया और सपा प्रत्याशियों को ही चुनाव लड़ाने का फैसला लिया।
हमने शुरू में गठबंधन के तहत सपा से चार सीटें मांगी थी। हालांकि यह भी कहा था कि यदि सपा कोई भी सीट नहीं देगी तो भी हमारी प्राथमिकता सपा को हराना होगी। हम गठबंधन नहीं तोड़ेंगे। वैसे भी रालोद के ज्यादातर वोटर गांवों में ही रहते हैं। हमने नगर निकाय चुनाव में सपा को समर्थन दिया है और सपा प्रत्याशियों हम दमदारी के साथ चुनाव लड़ाएंगे। -प्रदीप उर्फ गुड्डू चौधरी, रालोद विधायक, सादाबाद
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