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                        यमुना नदी
                                    – फोटो : अमर उजाला 
                    
विस्तार
दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने शुक्रवार को यमुना के कायाकल्प की दिशा में एक और अहम कदम बढ़ाया है। हरियाणा और दिल्ली के अधिकारियों के बीच निर्बाध सामंजस्य को जरूरी बताते हुए कहा कि यमुना का कायाकल्प एक राष्ट्रीय मिशन है। इसके लिए दोनों राज्यों के बीच निर्बाध समन्वय जरूरी है। अब तक यमुना की सफाई के लिए दिल्ली की तमाम कोशिशें नाकाफी साबित हुई, क्योंकि प्रदूषण नियंत्रण के लिहाज से हरियाणा की तरफ से उचित प्रयास नहीं किए गए। एलजी ने ठोस अपशिष्ट के निपटान और जैव संवर्धित खनन पर हुई बैठक में दोनों राज्यों के अधिकारियों से विस्तृत चर्चा की।
यमुना के कायाकल्प के लिए एनजीटी के आदेश के मुताबिक एलजी ने पहल करते हुए हरियाणा के मुख्यमंत्री से संवाद की शुरुआत की। कई दौर की बैठकों में यमुना से जुड़ों मुद्दों पर चर्चा हुई। खासतौर पर यमुना नदी में प्रदूषण की वजह, दिल्ली और हरियाणा में प्रदूषण फैलाने वाले स्त्रोत की पहचान कर नियंत्रित करने के लिए एलजी ने दोनों राज्यों की तरफ से ठोस प्रयास की आवश्यकता जताई। केवल दिल्ली की प्रदूषण नियंत्रण की कवायद नाकाफी साबित हुईं, क्योंकि हरियाणा के स्त्रोतों से होने वाले प्रदूषण पर शिकंजा नहीं कसा।
70 फीसदी प्रदूषण के लिए नजफगढ़ नाला जिम्मेवार
बैठक में बताया गया कि नजफगढ़ नाला यमुना में 70 फीसदी प्रदूषण के लिए जिम्मेदार है। हरियाणा के गुरुग्राम(एल-1, एल-2 और एल-3 नाले) से 40 फीसदी अनुपचारित डिस्चार्ज का प्रवाह हो रहा है। इसी तरह मंगेशपुर और भूपनिया के नाले हरियाणा से भारी मात्रा में औद्योगिक अपशिष्ट भी नजफगढ़ ड्रेन और कुंडली के पूरक नाले में प्रवाहित हो रहा है। इनके अलावा दिल्ली में यमुना के प्रवेश करने से ठीक पहले पानीपत और कुंडली के नालों को भी सीधे छोड़ा जा रहा है। यह भी संकेत दिया गया कि जब तक नजफगढ़ ड्रेन और यमुना में प्रवेश करने से पहले जब तक आठ नालों का शोधन नहीं किया जाता है तो हालात को नियंत्रित करने के लिए दिल्ली में की जा रही सफाई भी नाकाफी साबित होगी।
हरियाणा का भरोसा- तयशुदा वक्त में हासिल करेंगे सफाई का लक्ष्य
हरियाणा के अधिकारियों ने प्रदेश की तरफ से किए जा रहे प्रयासों की जानकारी दी। उन्होंने एलजी को भरोसा दिया की दिल्ली के तयशुदा वक्त में अपने लक्ष्यों को हासिल करने के लिए और कार्यों की रफ्तार में और तेजी लाएंगे। यह भी निर्णय लिया गया कि यमुना पर एलजी की अध्यक्षता में होने वाली उच्च स्तरीय समिति की बैठक में हरियाणा भी शामिल होगा। बैठक में समिति की तरफ यमुना के कायाकल्प के लिए ठोस अपशिष्ट के निपटान के लिए एमसीडी के प्रयासों की भी तारीफ की गई।
बैठक में यह भी तय किया गया था कि नालों और यमुना की सफाई के लिए सभी एजेंसियों के निर्बाध समन्वय को बढ़ाया जाएगा। इससे उच्च स्तरीय समिति की ओर से निर्धारित संबंधित लक्ष्यों को हासिल करना और आसान होगा। अधिकारियों को नियमित तौर पर नजफगढ़ ड्रेन, एसटीपी और सीईटीपी का दौरा कर जल निकासी को सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए। यमुना के कायाकल्प में हरियाणा के मुख्यमंत्री के प्रयासों की भी एलजी ने सराहना की। बैठक में हरियाणा और दिल्ली के मुख्य सचिवों सहित दोनों राज्यों के स्थानीय निकायों और संबंधित एजेंसियों के अधिकारी भी शामिल हुए।
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